(www.arya-tv.com) एपल की ओर से अलर्ट आने के बाद से ही विपक्ष केंद्र सरकार को निशाने पर ले रही है। दरअसल, मंगलवार 31 अक्तूबर को प्रियंका चतुर्वेदी, शशि थरूर, महुआ मोइत्रा, राघव चड्ढा समेत विपक्ष के कई नेताओं के पास एपल की ओर से अलर्ट आया कि उनके फोन को हैक किया जा सकता है। इसके बाद तमाम नेताओं ने मोदी सरकार को घेरना शुरू किया। एपल की तरफ से अलर्ट आने के बाद अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एमके स्टालिन ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
चेन्नई में एक कार्यक्रम में सीएम स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘भाजपा सरकार आईटी, ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। वो फोन भी टैप करते हैं। विपक्षी नेताओं के शिकायत के बाद उन्होंने एपल मोबाइल कंपनी को भी धमकी दी है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमें सुना है कि भाजपा पांच राज्यों में होने वाले चुनाव हारने वाली है। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि साथ में मिलकर काम करें और इंडिया गठबंधन को जीत दिलाएं।’
एपल द्वारा अलर्ट आने के बाद आरजेडी के सांसद मनोज झा ने केंद्र सरकार से बड़ा सवाल किया है। उन्होंने पूछा कि यह अलर्ट केवल विपक्षी नेताओं को ही क्यों आया है? मीडिया से बात करते हुए आरजेडी सांसद ने कहा, ‘यह एक गंभीर मुद्दा है। सरकार की तरफ से मंत्रियों ने जो भी इस मुद्दे पर बात की है, वह बहुत ही कमजोर तर्क था। केवल विपक्षी नेताओं को ही यह धमकी क्यों मिली? यह एक गंभीर मामला है और सुप्रीम कोर्ट को भी इसपर संज्ञान लेना चाहिए।’
इस मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कई मौकों पर ये नेता हैकिंग के आरोप लगा चुके हैं। कुछ साल पहले भी इन्होंने यही कोशिश की थी। तब न्यायालय की देखरेख में हमने पूरी जांच कराई थी। हालांकि, इसमें कुछ नहीं निकला था। यहां तक प्रियंका गांधी वाड्रा के आरोप कि ‘उनके दोनों बच्चों का फोन हैक है’, ऐसा भी कुछ नहीं था। ये सब झूठ आलोचकों द्वारा फैलाया गया था।