(www.arya-tv.com) ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत के अपने तमिलनाडु प्लांट में iPhone 15 बनाना शुरू कर दिया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सकॉन अगले कुछ हफ्तों में नए डिवाइस की डिलीवरी करने की तैयारी में है।
उत्पादन में तेजी लाने के लिए फॉक्सकॉन ने चेन्नई स्थित प्लांट में प्रोडक्शन लाइनें भी बढ़ा दी है। इसके साथ ही न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, फॉक्सकॉन जल्द ही हैदराबाद में एपल के वायरलेस ईयरबड्स भी बनाएगी।
पिछले साल सितंबर में आईफोन 13 के लॉन्च होने के लगभग छह से सात महीने बाद भारत में इसकी मैन्युफैक्चरिंग शुरू हुई थी। हालांकि आईफोन 14 की मैन्युफैक्चरिंग लॉन्च के एक महीने बाद ही शुरू हुई थी, लेकिन इस बार iPhone 15 की मैन्युफैक्चरिंग लॉन्च के पहले ही शुरू हो गई है। यानी इस बार भारत में बने आईफोन 15 दूसरे देशों में एक्सपोर्ट किए जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एपल सितंबर महीने में iPhone 15 सीरीज लॉन्च कर सकता है, जिसमें कई फोन शामिल होंगे। हालांकि, अभी तक कंपनी ने ऑफिशियल तौर पर इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एपल के अन्य मैन्युफैक्चरर भी जल्द भारत में iPhone 15 असेंबल करेंगे। इसमें पेगाट्रॉन कॉर्प और विस्ट्रॉन-प्लांट शामिल है। विस्ट्रॉन-प्लांट का टाटा ग्रुप अधिग्रहण कर रहा है। टेकओवर के बाद टाटा ग्रुप भी iPhone 15 बनाएगी।
एपल ने 2017 में आईफोन SE के साथ भारत में आईफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की थी। इसके तीन इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विस (EMS) पार्टनर- फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन है। आईफोन SE के बाद भारत में आईफोन 11, आईफोन 12 और आईफोन 13 की मैन्युफैक्चरिंग भी की गई। फॉक्सकॉन का प्लांट चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में है।
एपल के तीनों कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर भारत सरकार की 41,000 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) का हिस्सा हैं। इस स्कीम के बाद ही भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आई है। 2020 में भारत सरकार ने PLI Scheme को लॉन्च किया था। इस स्कीम से बाहर के देशों की कंपनीज को मौका मिलता है कि वो लोकल मैन्युफैक्चरिंग का फायदा उठा सकें, साथ ही उस पर इन्सेंटिव भी कमा सकें।
अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ने के कारण चीन से एपल की मैन्युफैक्चरिंग भारत में शिफ्ट की जा रही है। जियो पॉलिटिकल टेंशन और कोरोना महामारी के बाद एपल समेत अन्य अमेरिकी टेक दिग्गज भी चीन के बाहर अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के विस्तार पर काम कर रहे हैं।