(www.arya-tv.com) सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी की जेल से रिहाई पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर शीर्ष अदालत ने आठ हफ्ते बाद सुनवाई करने की बात कही है। दरअसल निधि ने अमरमणि के खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की याचिका लगाई थी।
शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। 16 साल से ज्यादा की सजा पूरी करने के बाद अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि आज गोरखपुर जेल से रिहा होने वाले हैं। अमरमणि ने समयपूर्व रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी। अदालत के आदेश के बाद यूपी सरकार ने अमरमणि को रिहा करने का फैसला किया है।
आपको बता दें कि कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या में नाम आने के बाद अमरमणि त्रिपाठी का राजनीतिक करियर खत्म हो गया था। लखीमपुर की मधुमिता वीर रस की कविताएं मंच पर पढ़ा करती थीं। एक कार्यक्रम के दौरान उनका संपर्क अमरमणि से हुआ। दोनों के बीच अवैध संबंध का सिलसिला चल निकला।
मधुमिता शुक्ला गर्भवती हो गईं। आरोप है कि अमरमणि ने उन पर गर्भपात कराने का दबाव डाला पर उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद निशातगंज की पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई, 2023 को 7 महीने की गर्भवती मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को सरकार कैसे छोड़ सकती है: कांग्रेस
दूसरी ओर, इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि अमरमणि त्रिपाठी को जेल से छोड़ना बिल्कुल न्यायोचित नहीं है। सीबीआई जांच में दोषी पाए हुए एक आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को सरकार कैसे छोड़ सकती है ? माननीय उच्चतम न्यायालय में याचिका की सुनवाई हो रही है। राज्यपाल महोदया खुद एक महिला हैं। कम से कम उनको उस भयावह मधुमिता हत्याकांड की घटना के तथ्यों से बखूबी अवगत होना चाहिए कि वह बड़ी भयावह घटना थी।