मेनका गांधी की सीट फंस गई है? अब इस नेता पर सबकी निगाह, पलट सकते हैं बाजी

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में चुनाव के बीच ही सियासी समीकरण बदलते दिख रहे हैं. इसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार मेनका गांधी की चुनौती बढ़ सकती है. पूर्व विधायक और बाहुबली चंद्रभद्र सिंह सोनू समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. साल 2019 में सोनू सिंह ने सपा और बहुजन समाज पार्टी के साझा उम्मीदवार के रूप में मेनका गांधी को कड़ी टक्कर दी थी. सोनू के सपा में आने के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि 2019 के चुनाव में सुल्तानपुर से सांसद बनने वाली मेनका गांधी क्या इस बार आसानी से जीत रही हैं या फिर समाजवादी पार्टी ने उनकी सीट फंसा दी है?

इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने बड़ा दांव चल दिया है. बाहुबली और पूर्व विधायक सोनू सिंह ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है और दावा ये कि जनता हिसाब बराबर करने की तैयारी में है. सपा नेता सोनू सिंह ने कहा कि हमारी तरफ़ से मेनका जी से कोई अदावत नहीं, मैं चुनाव भर लड़ा हूँ

BSP पर सबकी निगाह!
सुल्तानपुर में मेनका गांधी और सोनू-मोनू सिंह की अदावत काफी चर्चित है. पिछले चुनाव में दोनों आमने-सामने थे. बीते चुनाव में मेनका गांधी को जहां 4 लाख 60 हजार के करीब वोट मिले थे. तो सपा-बसपा के संयुक्त प्रत्याशी सोनू सिंह को 4 लाख 45 हजार के करीब वोट मिले थे.यानि हार का अंतर 15 हजार वोटों के करीब था और कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले संजय सिंह को 42 हजार के करीब वोट मिले थे.

सुल्तानपुर में क्षत्रिय वोटर काफी अहम माने जाते हैं ऐसे में समाजवादी पार्टी का ये दांव मेनका की मुश्किल बढ़ा सकता है क्योंकि मेनका गांधी के खिलाफ रामभुआल निषाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी हैं. बीएसपी ने पिछड़े वर्ग से आने वाले उदय राज वर्मा को उम्मीद घोषित किया है. इस चुनाव में आज प्रचार थम जाएगा और सभी की निगाह बसपा प्रत्याशी पर है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चूंकि पिछले चुनाव में बसपा और सपा ने साथ चुनाव लड़ा था ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि सपा इस बार फिर टक्कर दे पाएगी. इसके अलावा इलाके में कांग्रेस के मतों को सपा की ओर ट्रांसफर कराना भी एक बड़ी चुनौती है. दावा है कि अगर बसपा इस सीट पर मतदान में मजबूत हुई तो बाजी पलट सकती है.

सुल्तानपुर में समीकरण ऐसे वक्त में बदल रहा है..जब चुनाव में गिनती के दिन बचे हैं. सोनू सिंह और मोनू सिंह की राजनीतिक छवि में.एक हिस्सा आपराधिक पृष्ठभूमिका की भी बताया जाता है. दोनों भाइयों पर मुकदमे भी दर्ज हैं.इसी को आधार बनाकर मेनका गांधी ने सोनू सिंह पर पलटवार किया था. मेनका ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा था कि अब कोई बाहुबली नहीं है. जो नियम तोड़ेगा वो जेल जाएगा