यूक्रेन से घर लौटा छात्र, कहा- हालात सुधरने के बाद वे एक बार फिर से पढ़ाई करने जाएंगे

Gorakhpur Zone

(www.arya-tv.com) यूक्रेन के खारकीव में फंसे नंदानगर सैनिक कुंज निवासी असद अहमद शुक्रवार को सकुशल घर लौट आए। वे यूक्रेन में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं। शुक्रवार को वे इंडिगो एयरलाइंस से एयरपोर्ट पर पहुंचे। बेटे को सकुशल देखकर मां खुशी के मारे रो पड़ीं। असद ने बताया कि यूक्रेन में हालात सुधरने के बाद वे एक बार फिर से पढ़ाई करने जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक, असद के पिता डॉ. इरशाद अहमद मूलत: देवरिया के हेतिमपुर के रहने वाले हैं। इनका परिवार पिछले 20 वर्षों से सैनिक कुंज में रहता है। असद ने बताया कि तीन महीने पहले ही यूक्रेन के खारकीव में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गए थे। बताया कि खारकीव में हालात ज्यादा खराब हैं। विश्वविद्यालय के हास्टल में रह रहे थे। 24 फरवरी को सुबह रूस ने खारकीव पर बमबारी शुरू की तो करीब 300 छात्रों के साथ बेसमेंट में रहने लगे थे। इसके अलावा दिव्य नगर कॉलोनी के रहने वाले अनुराग सिंह भी यूक्रेन से अपने घर लौट आए हैं। अनुराग के आने से परिजन बेहद खुश हैं।

असद ने बताया कि 200 छात्र एक साथ 27 फरवरी को खारकीव से पैदल रेलवे स्टेशन के लिए निकले थे। करीब 12 किलोमीटर पैदल चलने के बाद स्टेशन पहुंचे। ट्रेन से पहले कीव फिर वहां से लवीव पहुंचे। वहां से नौ छात्रों ने 100-100 डालर (7500 रुपये) में मिनी वैन कर हंगरी बार्डर गए। जहां पासपोर्ट व वीजा दिखाने बाद दोबारा ट्रेन से हंगरी के जहोनी शहर पहुंचे। वहां से ट्रेन बदल कर हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट पहुंचे। केंद्र सरकार ने टिकट पहले से ही करा रखा था। तीन मार्च को सुबह सात बजे दिल्ली के लिए उड़े और शुक्रवार को सुबह 11 बजे पहुंचे।

डीएम विजय किरन आनंद ने बताया कि जिले से यूक्रेन जाकर पढ़ाई या अन्य कार्यों के 71 लोग गए, इनमें अधिकांश छात्र शामिल थे। 34 व्यक्ति जिले में वापस आ चुके हैं। चार छात्र दिल्ली और दो मुंबई में अपने परिजनों के घर हैं। 11 व्यक्ति यूक्रेन में हैं, इनमें नौ बॉर्डर पर आ चुके हैं। उन्हें भी हर संभव प्रयास कर भारत सरकार की मदद से गोरखपुर लेने का प्रयास किया जा रहा है। दो से तीन दिनों के अंदर उन्हें भारत सरकार की मदद से गोरखपुर लाया जाएगा।