दुष्कर्म मामले में फंसे गायत्री प्रसाद पर धोखाधड़ी और जालसाजी का एक और केस दर्ज

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(www.arya-tv.com)सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को सामूहिक दुष्कर्म मामले में बीते शुक्रवार को दो माह की अंतरिम जमानत मिली है। लेकिन जेल से बाहर आने के बाद भी गायत्री की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। गुरुवार को उन पर लखनऊ के गाजीपुर थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला और उसकी बेटी के वकील रहे दिनेश चंद्र त्रिपाठी की तहरीर पर दर्ज हुई है। वकील ने महिला व उसकी बेटी को भी आरोपी बनाया है।

दूसरी एफआईआर पर 9 माह बाद आरोपी की हुई थी गिरफ्तारी

दरअसल, चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने साल 2016 में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। यह भी कहा था कि उसकी बेटी के साथ भी दुष्कर्म किया गया। जिस पर गायत्री को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। लेकिन 27 दिसंबर 2019 को महिला ने राजधानी के गौतमपल्ली थाने में दूसरी एफआईआर दर्ज कराई। जिसमें महिला ने राम सिंह, वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी समेत तीन लोगों को आरोपी बनाया। जिस पर हाल ही में राम सिंह राजपूत नाम के एक आरोपी को जेल भेजा गया है। महिला ने कहा कि, राम सिंह ने खनन पट्टा न मिलने पर गायत्री प्रजापति पर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया था।

लेकिन गुरुवार को सामने आए वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि प्रजापति ने महिला को करोड़ों की जमीन देकर मुकदमा वापस कराया है। इसके साथ ही कोर्ट में अपने आरोपों से मुकरने वाली महिला ने मुझ पर और राम सिंह पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। बताया कि, मुझसे पैरवी न करने के लिए कहा गया। न मानने पर जान से मरवा देने की धमकी दी गई थी।

पुलिस कमिश्नर ने दो अफसरों को किया निलंबित

बिना उच्चाधिकारियों की जानकारी दिए राम सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने गौतमपल्ली इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश और क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर मकदमे के विवेचक अजीत सिंह को निलंबित कर दिया है।