स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम: ये पांच बातें नोट कर लें, नहीं तो आंखों के लिए अभिशाप साबित होगा मोबाइल

Health /Sanitation

(www.arya-tv.com) लंबे तक मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर हर दिन डॉक्टर लोगों को सावधान कर रहे हैं, लेकिन कोई भी सुनने के लिए तैयार नहीं है। लंबे समय तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल आंखों के लिए बहुत ही खतरनाक है।

आजकल लोगों में स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम की शिकायत काफी देखने को मिल रही है। इस रिपोर्ट में हम इसी सिंड्रोम से बचने के संभावित तरीके के बारे में बात करेंगे…

स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम क्या है?

लंबे समय तक मोबाइल फोन या कंप्यूटर का इस्तेमाल करने के बाद लोगों की आंखों में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है। फोन के उपयोग और कंप्यूटर पर होने वाले काम के कारण आंखों पर पड़ने वाले तनाव के लक्षण एक ही समान ही है।

वैसे स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम या एसवीएस दुर्लभ मामलों को छोड़कर अंधेपन का कारण नहीं बन सकता है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज कर दिया जाए तो यह निश्चित रूप से आंखों की रौशनी को नुकसान पहुंचा सकता है। स्मार्टफोन का उपयोग करते समय अपनी आंखों की सुरक्षा कैसे करें, आइए जानते हैं…

टेक्स्ट साइज को बढ़ाएं

फोन में छोटे टेक्स्ट होने से आंखों पर तनाव पड़ता है। बेहतर यही होगा कि आप अपने स्मार्टफोन में बड़े टेक्स्ट का इस्तेमाल करें।

स्क्रीन ब्राइटनेस

फोन की अधिक रौशनी आपकी आंखों के लिए ठीक नहीं है। फोन की स्क्रीन ब्राइटनेस को कम रखें या फिर ऑटोमैटिक ब्राइटनेस की सेटिंग ऑन कर दें। इसके बाद स्क्रीन की ब्राइटनेस उतनी ही होगी जितनी जरूरत है।

दूरे बनाए रखें

बेहतर तो यही होगा कि आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम-से-कम करें, लेकिन यदि यह संभव नहीं है तो फोन को कम-से-कम आंखों से 16-18 इंच की दूरी से ही इस्तेमाल करें। दिक्कत होने पर स्क्रीन को जूम कर लें।

नाइट मोड का इस्तेमाल करें

आजकल सभी स्मार्टफोन में नाइट मोड फीचर मिलता है जो कि आंखों को बचाने के लिए ही है। इसके अलावा बैटरी की भी बचत होती है। यदि आप अपनी आंखों की सलामती चाहते हैं तो नाइट मोड का इस्तेमाल करें।

पलकों को झपकाएं

फोन पर लगातार देखना आंखों के लिए सही नहीं है। बेहतर होगा कि स्क्रीन को देखने के दौरान आंखों की पलकों को झपकाते रहें।