लखीमपुर हिंसा में SIT को फायरिंग होने के प्रमाण मिले: अब नए सिरे से होगी जांच

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(www.arya-tv.com)लखीमपुर तिकुनिया में हुई हिंसा के दौरान फायरिंग होने के प्रमाण SIT को मिल गए हैं। अब बस ये साफ होना बाकी है कि गोली किस-किसकी बंदूक से चली? इसके लिए पुलिस बैलिस्टिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। मंत्री के बेटे आशीष को छोड़ बाकी आरोपियों ने ये स्वीकार किया है कि वे उस वक्त मौके पर थे। उन्होंने ये भी कहा है कि वे डिप्टी सीएम केशव मौर्य की अगुवाई के लिए जा रहे थे।

इस दौरान उन्हें भीड़ ने घेर लिया। भीड़ से बचने के लिए उन्होंने फायर किए? अब सवाल यही है कि डिप्टी सीएम की अगवानी के लिए जाते वक्त हथियार ले जाने की जरूरत क्यों थी? यही वो सवाल है जो इस पूरे मामले में मंत्री के बेटे व उसके साथियों की नीयत पर सवाल खड़े करता है।

उधर आज ही यूपी सरकार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी अपना जवाब पेश करना है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 20 अक्टूबर की तारीख तय की थी।

अब दे रहे हैं बिना सर पैर की दलील

आशीष मिश्र का साथी और काली फॉर्च्यूनर में सवार अंकित दास व उसके गनर लतीफ उर्फ काले ने भी पूछताछ में बताया था कि अगर फायरिंग नहीं करते तो उपद्रवी उन्हें भी मार डालते। एसआईटी ने उनके इन्हीं बयानों के आधार पर लखनऊ स्थित घर से असलहा बरामद किए थे।एसआईटी ने आशीष मिश्र, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले और सत्यम त्रिपाठी के लाइसेंसी असलहा को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। दूसरी तरफ फायरिंग पहले हुई या बाद में इसके लिए मौके पर बनाए गए वीडियो से इसकी पड़ताल कर रही है।अंकित ने पूछताछ में बताया कि बनवीरपुर जाते वक्त सड़क पर किसानों का हुजूम दिखा था। जिसकी जानकारी आशीष को दी थी।

वहां से मंत्री की अगुवाई के लिए गया था। लौटते वक्त थार के पीछे मैं काली फॉर्च्यूनर में था। थार हरिओम और मेरी गाड़ी शेखर चला रहा था। दुर्घटना के बाद पथराव व फायरिंग होने पर हम लोग भी जान बचाकर फायरिंग करते हुए भागे। नहीं करते तो मौके पर ही मार दिए जाते। आगजनी में असलहा के लाइसेंस भी जल गए। घटना के बाद भाग कर निघासन थाने पहुंचे। जहां विवाद की सूचना दी। काफी देर बाद वहां से निकलकर लखनऊ घर आए। जहां से होटल और फिर नेपाल भाग गए।

हुआ ये भी खुलासा

लखीमपुर हिंसा मामले में सबसे पहले निघासन तारागनर निवासी लवकुश राणा और बनवीरपुर के आशीष पांडे को गिरफ्तार किया गया था। दोनों घटना वाले दिन घायल भी हुए थे। इसके बाद मुख्य आरोपी आशीष मिश्र, फिर चालक शेखर भारती, अंकित दास व उसके गनर लतीफ उर्फ काले को पुलिस ने गिरफ्तार किया। फिर लखीमपुर के सुमित जायसवाल मोदी, अंकित दास के कौशांबी निवासी गनर सत्यम त्रिपाठी व लखनऊ निवासी दोस्त नंदन सिंह और बनवीरपुर के शिशुपाल को एसआइटी की टीम ने गिरफ्तार किया। इनमें से चार के पास से लाइसेंसी असलहा बरामद हुए थे।