एसआईटी की रिपोर्ट में दावा- क्रशर कारोबारी ने खुद गोली मारी थी, मौके पर किसी अन्य के मौजूद होने के साक्ष्य नहीं

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में महोबा के चर्चित क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी मामले का शुक्रवार की देर रात एसआईटी ने खुलासा कर दिया। एसआईटी के मुताबिक, किसी बाहरी व्यक्ति ने क्रशर कारोबारी को गोली नहीं मारी, बल्कि उन्होंने अपनी गाड़ी के अंदर खुद ही अपनी पिस्टल से गोली मारी थी। अधिकारियों का दावा है कि घटनास्थल पर किसी और के होने का साक्ष्य नहीं मिला है।

एसआईटी के मुताबिक, आगे से खुद को गोली मारने के बाद उन्होंने अपने दोस्त सत्यम और उनके पिता अर्जुन को फोन से जानकारी दी। इसके बाद दोनों पिता-पुत्र अपनी कार से मौके पर पहुंचे और कारोबारी को जिला अस्पताल लाए, फिर कानपुर के रिजेंसी अस्पताल ले गए। एसआईटी गोली मारने की वजह स्पष्ट नहीं कर सकी।

प्रयागराज जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि इंद्रकांत त्रिपाठी की पिस्टल की फॉरेंसिक जांच में स्पष्ट हुआ है कि गोली इंद्रकांत त्रिपाठी के लाइसेंसी पिस्टल से ही चली है। इसके साथ ही गोली काफी करीब से मारी गई। अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि घटनास्थल पर कोई भी व्यक्ति मौजूद था।

एसआईटी की रिपोर्ट को विवेचना का मुख्य हिस्सा मानते हुए उसे जांच रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा । जिसकी विवेचना आगे सीओ सिटी द्वारा की जाएगी। एडीजी प्रेम प्रकाश ने यह भी कहा है की अभी कुछ लोगों का नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवाया जाएगा घटना में अभी जांच चल रही है जल्दी पूरा मामला स्पष्ट कर दिया जाएगा।

एडीजी जोन ने कहा कि कि तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के कहने पर एक पोर्टल चैनल के माध्यम से मृतक इंद्रकांत त्रिपाठी को दबाब में लेने के लिए एक पुराना जुआ खेलते हुए एक वीडियो वायरल किया गया था, जिसके बाद से ही इन्द्रकांत त्रिपाठी अवसाद में थे ।

यह है मामला
मामला कबरई पत्थर मंडी का है। यहां पर मैग्जीन संचालक (विस्फोटक व्यापारी) इंद्रकांत त्रिपाठी बीते 8 सितंबर को जनपद के कबरई थाना क्षेत्र के बांदा रोड पर अपनी ऑडी कार में गोली लगने से घायल अवस्था में मिले थे। जिसके बाद उन्हें महोबा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इंद्रकांत की गंभीर हालत को देखते हुए कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया था। यहां पर 13 सितंबर को इंद्रकांत की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इससे पहले इंद्रकांत ने एक वीडियो जारी कर एसपी समेत अन्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।

मामले में महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार समेत कबरई थाना प्रभारी समेत 4 लोगों पर हत्या और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री ने हत्याकांड की जांच के लिए एक एसआईटी टीम का गठन किया था। 10 दिन की जांच के बाद एसआईटी टीम ने घटना का खुलासा किया है।