किसान आंदोलन पर सिद्धू बोले अकाली दल मगरमच्छ के आंसू बहा रहा

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(www.arya-tv.com) दिल्ली बार्डर पर केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को एक साल पूरा हो गया है। इसको लेकर CM कैप्टन अमरिंदर सिंह व पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू ने आंदोलन पर ‘बैटिंग’ शुरू कर दी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को ‘नो फार्मर-नो फूड’ का बैज पहना। वहीं, सिद्धू ने ट्वीट के जरिए सुखबीर बादल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा।

अब CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुलासा किया कि नवंबर 2020 में केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों को दिल्ली आने से रोकने को कहा था। मैंने इससे स्पष्ट इनकार कर दिया। मैंने कहा कि किसानों का प्रदर्शन लोकतांत्रिक है। इसलिए मैं उन्हें नहीं रोकूंगा।

पंजाब में आंदोलन न करने की अपील पर हो रही थी कैप्टन की आलोचना
कैप्टन ने इससे पहले कहा था कि अगर वो किसानों को पंजाब में ही रोक देते तो दिल्ली के सिंघु व टिकरी बार्डर पर भीड़ नहीं जुटती। कैप्टन ने किसानों को पंजाब की आर्थिक व्यवस्था, डेवलपमेंट, नौकरियां, रेवेन्यू व इन्वेस्टमेंट का हवाला देते हुए राज्य में आंदोलन न करने की अपील की थी। जिसके बाद विरोधियों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने भी उनकी आलोचना की थी। वहीं, कैप्टन ने किसानों को पंजाब में आंदोलन न करने की नसीहत भी दी थी। जिसके बाद किसान नेताओं ने भड़कते हुए कैप्टन के किसान हितैषी होने पर सवाल उठा दिए थे। जिसके बाद कैप्टन फिर से केंद्र सरकार पर आक्रामक हुए हैं।

कानून बनाने व डिफेंड करने वाले सुखबीर का ड्रामा एक्सपोज हो चुका
वहीं, सिद्धू ने ट्वीट के जरिए पहले अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल पर निशाना साधा। सिद्धू ने पंजाब फार्मिंग एक्ट 2013 की कॉपी का वो हिस्सा भी डाला, जिसमें इसे तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पेश किया था। सिद्धू ने कहा कि सुखबीर सफेद झूठ बोल रहे हैं। सिद्धू बोले कि काले कानून बनाने व उसे डिफेंड करने वाले अब मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। आपका ड्रामा एक्सपोज हो चुका है।

क्या अरविंद केजरीवाल ने कानून डी-नोटिफाई किया 

दिल्ली बार्डर पर केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को एक साल पूरा हो गया है। इसको लेकर CM कैप्टन अमरिंदर सिंह व पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू ने आंदोलन पर ‘बैटिंग’ शुरू कर दी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को ‘नो फार्मर-नो फूड’ का बैज पहना। वहीं, सिद्धू ने ट्वीट के जरिए सुखबीर बादल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा।

अब CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुलासा किया कि नवंबर 2020 में केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों को दिल्ली आने से रोकने को कहा था। मैंने इससे स्पष्ट इनकार कर दिया। मैंने कहा कि किसानों का प्रदर्शन लोकतांत्रिक है। इसलिए मैं उन्हें नहीं रोकूंगा।

पंजाब में आंदोलन न करने की अपील पर हो रही थी कैप्टन की आलोचना
कैप्टन ने इससे पहले कहा था कि अगर वो किसानों को पंजाब में ही रोक देते तो दिल्ली के सिंघु व टिकरी बार्डर पर भीड़ नहीं जुटती। कैप्टन ने किसानों को पंजाब की आर्थिक व्यवस्था, डेवलपमेंट, नौकरियां, रेवेन्यू व इन्वेस्टमेंट का हवाला देते हुए राज्य में आंदोलन न करने की अपील की थी। जिसके बाद विरोधियों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने भी उनकी आलोचना की थी। वहीं, कैप्टन ने किसानों को पंजाब में आंदोलन न करने की नसीहत भी दी थी। जिसके बाद किसान नेताओं ने भड़कते हुए कैप्टन के किसान हितैषी होने पर सवाल उठा दिए थे। जिसके बाद कैप्टन फिर से केंद्र सरकार पर आक्रामक हुए हैं।

कानून बनाने व डिफेंड करने वाले सुखबीर का ड्रामा एक्सपोज हो चुका
वहीं, सिद्धू ने ट्वीट के जरिए पहले अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल पर निशाना साधा। सिद्धू ने पंजाब फार्मिंग एक्ट 2013 की कॉपी का वो हिस्सा भी डाला, जिसमें इसे तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पेश किया था। सिद्धू ने कहा कि सुखबीर सफेद झूठ बोल रहे हैं। सिद्धू बोले कि काले कानून बनाने व उसे डिफेंड करने वाले अब मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। आपका ड्रामा एक्सपोज हो चुका है।

सिद्धूू ने कहा क्या अरविंद केजरीवाल ने कानून डी-नोटिफाई किया ?
सिद्धू ने आम आदमी पार्टी (AAP) को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि 1 दिसंबर 2020 को केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में APMC को रद्द कर प्राइवेट मंडी स्थापित करने के लिए मोदी सरकार के कानूनों में से एक कानून नोटिफाई किया। उस वक्त भी किसान दिल्ली बार्डर पर आंदोलन कर रहे थे। इसके बाद विधानसभा सेशन बुलाकर बिल की कॉपी फाड़कर ड्रामा किया गया। क्या अरविंद केजरीवाल सरकार ने वह कानून डी-नोटिफाई किया।