5116 करोड़ है शाहरुख की नेटवर्थ:इंदिरा गांधी की करीबी रहीं शाहरुख की मां मजिस्ट्रेट फातिमा

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(www.arya-tv.com)  2014 में एक शो में अनुपम खेर ने शाहरुख खान से पूछा कि क्या आपको ये सोचकर कभी फिक्र होती है कि आपके बाद ऐसी शोहरत और नाम किसका होगा?

शाहरुख मुस्कुराए और जवाब दिया, मैं बॉलीवुड का आखिरी स्टार हूं।

शाहरुख के कहने का मतलब था उनके बाद अब कोई इतना बड़ा स्टार नहीं होगा। कुछ हद तक सही भी है। 30 साल के फिल्मी करियर में शाहरुख ने कई हिट फिल्में दीं। आज 57वां जन्मदिन मना रहे शाहरुख दुनिया के दूसरे सबसे अमीर फिल्म स्टार माने जाते हैं। उनकी नेटवर्थ 5100 करोड़ से भी ज्यादा है।

अब तक हमने शाहरुख की जिंदगी को वहां से पढ़ा, जहां से टीवी सीरियल फौजी में इनका स्ट्रगल शुरू हुआ था। आज हम शाहरुख की उस जिंदगी को पढ़ेंगे, जो मुंबई से नहीं, दिल्ली से शुरू होती है। कम ही लोग जानते हैं कि शाहरुख की मां लतीफ फातिमा मजिस्ट्रेट थीं। ये अपने जमाने की सबसे सफल मुस्लिम महिलाओं में से एक थीं। सोशल वर्क में काफी आगे रहीं और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से उनके गहरे ताल्लुकात थे। मां जितनी हाई सोसाइटी वाली रहीं, पिता मीर ताज उतने ही जमीनी इंसान थे। वे पेशावर से आए थे और दिल्ली में चाय बेचा करते थे। एक एक्सीडेंट ने दोनों को मिलवाया। शादी हुई। और फिर कहानी शुरू हुई शाहरुख खान नाम के स्टार के बनने की।

तो, तमाम फिल्मी किस्सों, विवादों, गॉसिप्स और हिट-फ्लॉप फिल्मों से अलग, शाहरुख खान की जिंदगी के उस अनछुए हिस्से को पढ़िए जो कम ही लोगों को पता है-

पिता मीर ताज को आती थीं कई भाषाएं

शाहरुख खान को इंडस्ट्री का किंग ऑफ रोमांस कहा जाता है। हालांकि, उन्हें ये गुर पिता मीर ताज मोहम्मद से मिला। 6’2 कद वाले मीर ताज पेशावर के पठान थे, जो आजादी की लड़ाई के युवा स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे। मीर ताज का सेंस ऑफ ह्यूमर बेहतरीन था। इन्होंने M.A., LL.B. की पढ़ाई की थी। उन्हें पर्शियन, संस्कृति, पश्तो, पंजाबी, हिंदी, इंग्लिश समेत कई भाषाएं आती थीं। ये वकील थे, लेकिन वकालत में नाकामयाबी हासिल होने के बाद इन्होंने फर्नीचर बिजनेस, ट्रांसपोर्टेशन, केरोसीन डीलिंग का बिजनेस किया। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद मीर ताज परिवार के साथ दिल्ली आकर बस गए, जहां इनकी विलिंगन हॉस्पिटल के पीछे चाय की दुकान थी।

फिल्मी है शाहरुख के पेरेंट्स की लव स्टोरी

दिल्ली के इंडिया गेट में एक दिन मीर ताज अपने दोस्तों के साथ सैर पर निकले थे। उन्होंने देखा कि वहां एक कार का एक्सीडेंट हो गया है। कार उल्टी पड़ी थी, जिसमें लतीफ फातिमा, उनकी बहनें और पिता थे। ड्राइवर गाड़ी छोड़कर भाग चुका था और सभी जख्मी हालत में पड़े हुए थे। मीर ताज ने वो गाड़ी अपने दोस्त की मदद से सीधी की। खून की जरूरत पड़ी तो मीर ताज ने ब्लड ग्रुप मैच होने पर खुद खून दिया। उनकी परिवार से दोस्ती हो गई और घर आना-जाना शुरू हुआ।

एक दिन मीर ताज लतीफ फातिमा के घर पहुंचे। उनके पिता ने पूछा- हमारी छोटी बेटी से शादी करोगे। मीर ताज ने कहा- नहीं मैं बड़ी बहन से शादी करूंगा, जिसे मैंने खून दिया है। लतीफ फातिमा की उस समय सगाई क्रिकेटर अब्बास अली बेग से हो चुकी थी, जिसे तोड़कर उन्होंने मीर ताज से शादी कर ली। मीर ताज ने 1959 में 11 साल छोटी लतीफ फातिमा से शादी की। एक साल बाद इनके घर बेटी का जन्म हुआ और फिर 1965 में शाहरुख खान का।

इंदिरा गांधी की करीबी रहीं हैं शाहरुख की मां लतीफ फातिमा

शाहरुख खान की मां लतीफ फातिमा हैदराबाद से ताल्लुक रखती थीं, जो अपने समय से आगे चलने वाली महिला थीं। इन्होंने इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। ये अपने जमाने की फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट थीं, जो समाज सेवा करने में भी आगे थीं। लतीफ फातिमा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की करीबी थीं और उन्हीं के साथ काम करती थीं।

बचपन में हुई थी शाहरुख को जेल

शाहरुख खान का परिवार राजेंद्र नगर, दिल्ली में एक किराए के घर में रहा करता था। मां-बाप एक केरोसिन एजेंसी चलाया करते थे। एक बार शाहरुख को अवैध केरोसिन डीलिंग के सिलसिले में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि उन्हें तुरंत बेल मिल गई थी।

स्पोर्ट्स मैन बनना चाहते थे, कंधे की चोट ने तोड़ा सपना

सेंट कोलंबस स्कूल से पढ़ाई के दिनों में शाहरुख की रुचि स्पोर्ट्स में जागी। शाहरुख हॉकी और फुटबॉल में माहिर थे। एक दिन खेलते हुए शाहरुख के कंधे पर गहरी चोट आई। शाहरुख का सपना था कि वो स्पोर्ट्स में ही अपना करियर बनाएं। हालांकि डॉक्टर्स ने उन्हें खेल-कूद से दूर रहने की सलाह दी।

स्पोर्ट्स से ध्यान हटा तो शाहरुख हंसराज कॉलेज में इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करते हुए पढ़ाई से ज्यादा तवज्जो प्ले को देने लगे। दिल्ली थिएटर ग्रुप में शाहरुख ने बैरी जॉन से एक्टिंग सीखी। आगे शाहरुख ने जामिया मिलिया इस्लामिया में मास कम्युनिकेशन से मास्टर डिग्री लेने के लिए दाखिला लिया, लेकिन एक्टिंग करियर बनाने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़कर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया।

पिता के साथ आखिरी यादः एक वनीला आइसक्रीम

शाहरुख के पिता दिल्ली में विलिंगन हॉस्पिटल के पीछे चाय की एक छोटी सी दुकान चलाते थे। साल 1981 में पिता मीर ताज मोहम्मद का कैंसर से निधन हो गया, लेकिन शाहरुख ने आखिरी बार उनका चेहरा तक नहीं देखा। दरअसल उनका अस्पताल में लंबा इलाज चला। जब तबीयत सुधरी तो उन्हें घर भेज दिया गया।

एक रात शाहरुख के पिता ने उनसे वनीला आइसक्रीम मांगी। शाहरुख ने पिता के साथ बैठकर आइसक्रीम भी खाई। इसके बाद 18 अक्टूबर की रात मां ने शाहरुख को जगाया और कहा कि पिता अस्पताल में हैं। शाहरुख गए, लेकिन वो इतने दुखी थे कि उनसे पिता का चेहरा नहीं देखा जा रहा था। उन्होंने पिता के पैर देखे जो ठंडे पड़ चुके थे। शाहरुख की पिता के साथ आखिरी याद वो वनीला आइसक्रीम ही थी, जो उन्होंने साथ खाई थी।

मरती मां को परेशान करते हुए कहा था- मैं शराबी बन जाऊंगा

इसके 10 साल बाद 1991 में डायबिटीज से मां लतीफ फातिमा की तबीयत भी बिगड़ती चली गई। बत्रा अस्पताल में भर्ती मां फातिमा आखिरी सांसें गिन रही थीं, लेकिन शाहरुख के पास उनसे मिलने की हिम्मत नहीं थी।

वो हॉस्पिटल के पार्किंग लॉट में बैठकर मां के लिए दुआ कर रहे थे। जब 100 से ज्यादा बार दुआ कर चुके ताे डॉक्टर शाहरुख के पास पहुंचा, उसने कहा कि अब शाहरुख को आखिरी बार अपनी मां से मिल लेना चाहिए। शाहरुख ने अनुपम खेर के शो कुछ भी हो सकता है में बताया कि मैं जाना नहीं चाहता था, क्योंकि मुझे लगा कि अगर मैं दुआ करता रहा तो मां बच जाएंगी। बहनों ने खूब कहा तो मुझे उनसे मिलने जाना पड़ा।

शाहरुख मानते थे कि इंसान तब ही दुनिया छोड़ता है जब वो पूरी तरह संतुष्ट हो। इस वहम में शाहरुख मां को परेशान करने लगे। उन्हें लगा मां से उल्टी बातें करेंगे तो वो जिंदा रहेंगी। उन्होंने मां से कहा, अगर आप चली जाओगी तो बहन का ख्याल नहीं रखूंगा।

मैं पढ़ाई भी नहीं करूंगा और काम भी नहीं करूंगा। मैं शराब पीने लगूंगा और इतनी पियूंगा कि शराबी बन जाऊं। शाहरुख को वहम था कि मां ये सब सुनकर जिंदा रहेंगीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शायद वो जानती थीं कि शाहरुख अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाएंगे, जैसा उन्होंने जाहिर तौर पर किया।