रावण को लेकर जो मानसिकता लोगों में संजीव का जीवन बिल्कुल उलट, 13 वर्षों से रामलीलाओं में रावण का किरदार निभा रहे

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(www.arya-tv.com) कानपुर में रामलीलाओं का दौर जब भी शुरू होता है, तो कल्याणपुर निवासी डायरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस (डीजीक्यूए) विभाग के सहायक अभियंता संजीव अवस्थी का चेहरा लोगों के जेहन स्वयं ही आ जाता है। संजीव पिछले 13 वर्षों से रामलीलाओं में रावण का किरदार निभाते आ रहे हैं।

वह अब इस किरदार में इतने रच बस गए हैं कि लोग उन्हें अक्सर इसी नाम से ही पुकारने लगते हैं। रावण को लेकर जो मानसिकता लोगों में है, उससे संजीव का जीवन बिल्कुल उलट है। वह परिवार और समाज के बीच सुलझे व्यक्ति और अच्छे अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।

संजीव बताते हैं कि उन्हें याद ही नहीं कि वह अब तक कितनी बार रावण का किरदार निभा चुके हैं। मूलरूप से कानपुर देहात के औनहां निवासी संजीव के जीवन में रावण जैसे किरदार का उदय उस समय हुआ, जब उन्होंने रामानंद सागर के रामायण सीरियल में अभिनेता अरविंद त्रिवेदी को रावण के रूप में शिव तांडव स्तोत्र कहते सुना।

उसी समय से उन्हें लगा कि इस किरदार में कुछ है, जो उन्हें उसकी ओर प्रेरित कर रहा है। संजीव की दिनचर्या भगवान भोलेनाथ की आराधना से शुरू होती है। प्रदेश के बाहर तीर्थ स्थलों में कानपुर शैली की रामलीला मंचन में धनुष यज्ञ लीला का आयोजन करवाने का श्रेय भी संजीव अवस्थी को ही जाता है।

वह बताते हैं कि अब तक मध्य प्रदेश, हमीरपुर, जालौन, उरई, कानपुर देहात, फतेहपुर, उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर, प्रयागराज में कुंभ मेला, वृंदावन, चित्रकूट धाम, अयोध्या में लक्ष्मण किला सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में वह रावण का किरदार निभा चुके हैं।

बताते है कि शिव तांडव का संपूर्ण वाचन व रावण-राम संवाद में रावण की गायन शैली का प्रारंभ उन्होंने ही किया। उनका कहना है कि भोले शंकर ही उनके गुरु और पूज्य है, जिनका अनुशरण कर वह अपनी भूमिका को दमदार बनाने में सफल होते आ रहे हैं।