अमेरिका जानता था पुतिन के खिलाफ विद्रोह होगा:रिपोर्ट में दावा- US ने नाटो को नहीं बताई सच्चाई

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(www.arya-tv.com)  रूस में 23 मई को हुई बगावत के बारे में अमेरिका को कई हफ्ते पहले से जानकारी थी। यह दावा अमेरिकी न्यूज चैनल CNN की एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक- अमेरिकी इंटेलिजेंस के पास व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ विद्रोह के बारे में तफ्सील से इंटेलिजेंस रिपोर्ट मौजूद थीं।

रिपोर्ट ये भी दावा करती है कि अमेरिका ने सिर्फ ब्रिटेन को इस बारे में जानकारी दी थी और बाकी दोस्त देशों के साथ कुछ भी शेयर नहीं किया।

रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ने 23 जून को बगावत कर दी थी। आर्मी ने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया था। बाद में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने वैगनर और पुतिन के बीच समझौता कराया। इसके बाद वैगनर के लड़ाके पीछे हट गए और प्रिगोजिन को रूस छोड़कर बेलारूस जाने का आदेश दिया गया।

नाटो मेंबर्स को भी जानकारी क्यों नहीं

  • रिपोर्ट के मुताबिक- नाटो के चार्टर में साफ तौर पर कहा गया है कि इसके मेंबर्स इंटेलिजेंस शेयरिंग करेंगे। इसके बावजूद अमेरिका ने सिर्फ ब्रिटेन को इसकी जानकारी दी, लेकिन बाकी मेंबर कंट्रीज को पुतिन के खिलाफ देश में सुलग रही आग की भनक तक नहीं लगने दी।
  • रिपोर्ट के मुताबिक- अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसीज हफ्तों पहले से जानती थीं कि वैगनर ग्रुप मॉस्को की तरफ बढ़ने वाला है और उसका मकसद पुतिन की सरकार गिराकर मॉस्को पर कब्जा करना है।
  • वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में भी 24 जून को इस तरफ इशारा किया गया था। इसके मुताबिक- अमेरिकी इंटेलिजेंस अफसरों ने व्हाइट हाउस को इस बारे में काफी पहले बता दिया था। इसी रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अमेरिका विद्रोह के बारे में तो जानता था, लेकिन उसे तारीख और वक्त के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं थी। पेंटागन और कुछ खास सांसदों के साथ भी इंटेलिजेंस रिपोर्ट शेयर की गई थी।

    वैगनर चीफ बोले- तख्तापलट मकसद नहीं था
    वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन ने रूस में तख्तापलट की कोशिश से इनकार किया। प्रिगोजिन ने कहा, वह पुतिन को हटाना नहीं चाहते हैं। एक सोशल मीडिया ऐप पर जारी अपने 11 मिनट के ऑडियो में प्रिगोजिन कहते हैं, ‘वैगनर आर्मी का मकसद यूक्रेन में उनके कैंप पर रूसी हमले का विरोध दर्ज कराना था। हमने अपना मार्च अन्याय से लड़ने के लिए शुरू किया था।’

    रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ने 23 जून को बगावत कर दी थी। आर्मी ने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया था। बाद में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने वैगनर और पुतिन के बीच समझौता कराया। इसके बाद वैगनर के लड़ाके पीछे हट गए और प्रिगोजिन को रूस छोड़कर बेलारूस जाने का आदेश दिया गया।