अस्पतालों और पैथोलॉजी पर कार्रवाई पर आरटीआई एक्टिविस्ट शवी जाफरी ने उठाए सवाल

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(www.arya-tv.com)  आगरा में एक डॉक्टर के नाम पर चल रहे कई अस्पताल और पैथोलॉजी पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान कई पैथोलॉजी, अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर को पूर्ण रूप से सील किया गया है। कुछ दिन पहले स्वास्थ्य विभाग ने गोरखपुर की डॉक्टर सबीना अशरफ द्वारा आगरा में किराए पर दी गई डिग्री से संचालित अस्पताल व पैथोलॉजी पर कड़ी कार्रवाई की थी और उन्हें सील किया था। वहीं दूसरी तरफ आरटीआई एक्टिविस्ट शवी जाफरी ने स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।

आगरा के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि आगरा में कई ऐसे डॉक्टर हैं, जिनके नाम पर जिले सहित अन्य शहरों में दर्जनों व सैकड़ों की संख्या में अस्पताल और पैथोलॉजी संचालित की जा रही हैं। जबकि नियमानुसार ऐसा नहीं होना चाहिए, जो अस्पताल जिस डॉक्टर के नाम से संचालित है, उस अस्पताल में संबंधित डॉक्टर का होना अति आवश्यक है। साथ ही आगरा में संचालित जिन पैथोलॉजी को जिस पैथोलॉजिस्ट के नाम से संचालित किया जा रहा है, उसका पैथोलॉजी में मौजूद होना भी आवश्यक है।

हमारे द्वारा आगरा में कई जगह जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि ऐसे कई डॉक्टर हैं, जिनके नाम से कई पैथोलॉजी और दर्जनों अस्पताल संचालित हो रहे हैं। जबकि डॉक्टर उन अस्पतालों में बैठते भी नहीं है। ऐसे में पिछले 4 दिन से ऐसे अस्पताल और पैथोलॉजी पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। यमुनापार में भी अभी तक ऐसी कई पैथोलॉजी और अस्पताल को सील किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ आरटीआई एक्टिविस्ट शवी जाफरी स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। कहा कि विभाग के अधिकारी रोजाना चार से पांच हॉस्पिटल और पैथोलॉजी सील कर रहे हैं, जो पूर्ण रूप से गैरकानूनी है। अगर किसी डॉक्टर के नाम से कई पैथोलॉजी और हॉस्पिटल चल रहे हैं, तो इसमें स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही है कि स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें पंजीकृत कैसे किया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें 18-19, 19-20, 20-21, 22-23 का नवीकरण दे दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी अस्पताल को नवीनीकरण देने के लिए उसका भौतिक सत्यापन किया जाता है, जिसके बाद उसका नवीनीकरण किया जाता है।

भौतिक सत्यापन में गड़बड़ी मिलने पर पहले उन्हें नोटिस दिया जाता है। वहीं अगर कोई डॉक्टर अपनी डिग्री को कई अस्पताल व पैथोलॉजी में प्रयोग कर रहा है, तो उनके ऊपर क्या कार्रवाई की गई है। उनका कहना है कि जिन अस्पतालों का पंजीकरण हुआ है, उसमें विभाग के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं, इनके ऊपर भी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल व पैथोलॉजी बिना नोटिस के ही सील की जा रही है, जिसके खिलाफ मैं हाईकोर्ट में जाऊंगा।