रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन संवैधानिक प्रोटोकॉल वाले लोगों से न आने की अपील, जानें वजह

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(www.arya-tv.com) अयोध्या. रामलला के भक्तों के लिए खुशखबरी है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भगवान के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तारीख घोषित कर दी है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को होगा. उन्होंने इस दिन संवैधानिक प्रोटोकॉल वाले लोगों से नहीं आने की अपील की है. साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल उस तारीख पर आएं, जो उनके प्रदेश के लोगों के लिए निर्धारित की गई है. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के संबंध में अहम जानकारी दी है.

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि देशभर में 45 प्रांत इकाईयां बनाई गई हैं. इन इकाईयों के लोग 5 नवंबर को पूजित अक्षत और स्थानीय भाषा में लिखा पत्रक लोगों तक पहुंचाने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे. यह सभी लोग 1 जनवरी से 15 जनवरी तक पूजित अक्षत और पत्रक मंदिर से घर-घर पहुंचाएंगे. इसी के साथ देश भर के लोग 26 जनवरी से 22 फरवरी तक किस तारीख को प्रदेशवार अयोध्या पहुंचेंगे इसकी भी तारीख तय कर दी गई है.

संवैधानिक प्रोटोकॉल वालों से किया ये निवेदन
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम हाथ जोड़कर निवेदन करेंगे जिनके साथ संवैधानिक प्रोटोकॉल है, वह प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या न पहुंचें. हमारा उनको हाथ जोड़कर बारंबार यही निवेदन रहेगा. राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राजदूत उनके साथ एक संवैधानिक प्रोटोकॉल है और 22 जनवरी को उनकी सेवा हम भी नहीं कर पाएंगे. इसलिए उनसे निवेदन करेंगे कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन न आएं. उनके प्रांत के लोगों के लिए जो दिन तय किया गया है उस समय राज्य के मुख्यमंत्री या राज्यपाल आ सकते हैं.

45 इकाईयां गठित
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि अधिक आबादी गांव में जा सके उसके लिए राज्यों में हमने छोटी-छोटी इकाइयों की रचना की है. हमने राजस्थान में तीन इकाइयां बनाई हैं. इसमें जयपुर, जोधपुर और कोटा. महाराष्ट्र में भी तीन इकाइयां बनाई हैं. यूपी में 6 इकाइयां बनाई हैं. आगरा, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, काशी और गोरखपुर आदि. ऐसी देश भर में हमारी 45 इकाईयां हैं. हम इन इकाईयों को प्रांत कहते हैं. सरकार में राज्य शब्द चलता है. पूजन किया हुआ हल्दी वाला पीला अक्षत लेने के लिए 5 नवंबर को सभी कार्यकर्ता अयोध्या आएंगे. पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक कमिश्नरी से दो-दो लोग बुलाए गए हैं. संभवत उनकी संख्या 150 से 200 के आसपास पहुंचेगी और इनको पूजित अक्षत की थैलियां दे दी जाएंगी. यह कार्यकर्ता पूजित अक्षत को अपने केंद्र तक ले जाएंगे. जिसे 1 जनवरी से 15 जनवरी तक कार्यकर्ता हर मंदिर और हर घर तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे.