राजू पाल हत्याकांड में 7 लोग दोषी करार, गैंगस्टर अतीक अहमद भी था नामजद

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(www.arya-tv.com) संगम नगरी प्रयागराज में उन्नीस साल पहले बीएसपी के तत्कालीन विधायक राजू पाल को फिल्मी अंदाज में मौत के घाट उतार दिया गया था. अब राजू पाल मर्डर केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट से आज आए फैसले से माफिया अतीक अहमद के गैंग को बड़ा झटका लगा है. लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में माफिया अतीक अहमद से जुड़े सभी सात आरोपियों को दोषी करार दिया है.

छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है, जबकि फरहान नाम के आरोपी को 4 साल की सजा सुनाई गई है. इस सनसनीखेज मर्डर केस में माफिया अतीक अहमद और उसका भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ नामजद आरोपी थे. दोनों भाइयों को जेल भी जाना पड़ा था. हालांकि अतीक और अशरफ पिछले साल ही मौत के घाट उतारे जा चुके हैं. इस सनसनीखेज घटना ने यूपी की सियासत में खूब कोहराम मचाया था.

अतीक अहमद के भाई को हरा दिया था राजू पाल

साल 2004 के लोकसभा चुनाव में मुलायम की समाजवादी पार्टी ने इलाहाबाद की फूलपुर सीट से शहर पश्चिमी के बाहुबली विधायक अतीक अहमद को टिकट दिया. देश के पहले पीएम पंडित नेहरू का चुनाव क्षेत्र रही फूलपुर सीट से अतीक वह चुनाव जीतने में कामयाब रहा था. सांसद बनने के बाद उसने विधायकी से इस्तीफा दे दिया और अपनी जगह छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को सपा का टिकट दिला दिया.

जून 2004 में हुए इस शहर पश्चिमी के उपचुनाव में बीएसपी ने राजू पाल को अपना उम्मीदवार बना दिया. टिकट पाने से पहले राजू पाल का किसी ने नाम भी नहीं सुना था. बहरहाल तकदीर ने उस चुनाव में राजू पाल का साथ दिया और वह अतीक अहमद के दबदबे को खत्म करते हुए पहली बार बीएसपी को यह सीट जिताने में कामयाब रहे.

राजू पाल पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उतारा मौत के घाट

विधायक बनने के बाद राजू पाल अपने सियासी दुश्मनो के निशाने पर आ गए. उन पर दो बार जानलेवा हमला भी किया गया. विधायक बनने के सात महीने बाद विधायक राजू पाल ने सोलह जनवरी साल 2005 को घर के नजदीक मंदिर में ही सादगी के साथ अपनी प्रेमिका पूजा पाल से ब्याह रचा लिया. शादीशुदा जिंदगी को लेकर दोनों ने काफी सपने पाल लिए थे.

हालांकि तकदीर को कुछ और ही मंजूर था. शादी के महज नौ दिन बाद पचीस जनवरी को शहर से घर वापस लौटते वक्त विधायक राजू पाल पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया. इस सनसनीखेज कत्ल के बाद प्रयागराज कई दिनों तक हिंसा की चपेट में रहा. विधायक राजू पाल के कत्ल का आरोप तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद और राजू पाल के खिलाफ चुनाव हारने वाले अतीक के छोटे भाई अशरफ पर लगा. दोनों को इस मामले में जेल भी जाना पड़ा.

दिन दहाड़े विधायक की हत्या 

दिन दहाड़े एक विधायक की हत्या ने यूपी की सियासत में कोहराम मचा दिया था. तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव और उनकी सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था. अपने विधायक के कत्ल के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी प्रयागराज आईं. मामले पर खूब राजनीति हुई थी.

राजू पाल की हत्या फिल्मी अंदाज में की गई थी. भीड़ भरे बाजार में दिनदहाड़े उसकी गाड़ियों का काफिला रोककर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी. हमले में राजू पाल समेत तीन लोग मारे गए थे. राजू पाल को कई गोलियां लगी थी. इस मामले में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ के साथ ही कई करीबियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था. मामले की जांच पहले यूपी पुलिस ने की थी उसके बाद सीबीसीआईडी ने. साल 2016 में यह मामला सीबीआईको ट्रांसफर हो गया था. इस मामले में जांच एजेंसियों ने कई चार्जशीट दाखिल की थी. हालांकि हर चार्जशीट में अतीक और अशरफ का नाम शामिल था.