बुलेट ट्रेन की स्पीड से दौड़ेगा रेलवे सेक्टर, कुल बजट में 25 फीसदी की रिकॉर्ड बढ़ोतरी संभव

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(www.arya-tv.com) देश का बजट पेश होने में एक दिन का वक्त बचा है और कई सेक्टर्स के साथ साथ देश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की बैकबोन माने जाने वाले रेलवे सेक्टर के लिए भी बहुत से बजटीय आवंटन होने की उम्मीद बन रही है. देश का बजट एक फरवरी 2024 को पेश होगा और इसके साथ-साथ 2024 के आम चुनाव से पहले ये सरकार का बेहद बड़ा प्रयास होगा कि वो रेलवे जैसे अहम सेक्टर को नया रंगरूप देने की अपनी कोशिशों को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत कर सके.

इस साल पिछली बार से 25 फीसदी ज्यादा हो सकता है बजटीय आवंटन

साल 2023-24 के बजटीय आवंटन से 25 फीसदी ज्यादा आवंटन इस बार किया जा सकता है. जैसा पिछली बार देखा गया था कि सरकार ने सवा लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट रेलवे के लिए जारी किया था, इस बार अगर इसमें 25 फीसदी का इजाफा हो जाता है तो ये सरकार के रेलवे की सूरत बदलने के प्रयासों के मुताबिक ही होगा. इसका सीधा सा अर्थ है कि ये रेलवे बजट इस साल करीब 3 लाख करोड़ रुपये के एलोकेशन के स्तर तक जा सकता है.

बीते सालों के रेलवे आवंटन को देखें

2018-19 में ₹55,088 करोड़ रुपये
2019-20 में ₹69,967 करोड़ रुपये
2020-21 में ₹70,250 करोड़ रुपये
2021-22 में ₹1.17 लाख करोड़ रुपये

नई ट्रेनों, स्टेशनों आदि पर होगा बड़ा बजटीय आवंटन

रेलवे बजट में मुख्य तौर पर शामिल होने वाले घटक हैं रेलवे स्टेशन और नई आने वाली ट्रेनें जिनके लिए रेल मंत्रालय खासकर कदम उठाता रहता है. देश में इस समय वंदे भारत ट्रेन, अमृत ट्रेनों के लिए तो काम चल ही रहा है, कई और नई मॉडर्न और अत्याधुनिक सुविधाओं वाली कुछ और ट्रेनों के लिए विशेष फैसले लिए जा रहे हैं. पिछले साल वित्त मंत्री ने वंदे भारत ट्रेनों को लेकर जो कहा था उसके आधार पर देखा जाए तो इस दिशा में काफी काम चल रहे हैं. काफी स्थानों से वंदे भारत ट्रेनों को चलाया जा रहा है और रेलवे के प्लान में इन ट्रेनों की पहुंच पूरे भारत तक ले जाने की है.

रेलवे का सुरक्षा पर भी बजट बढ़ाने का प्लान संभव

रेलवे का सुरक्षा पर भी काफी फोकस है और इसी कड़ी में कवच को ज्यादातर ट्रेनों में लगाए जाने की व्यवस्था पर काम चल रहा है. रेलवे का मिशन है कि जीरो एक्सीडेंट और तेज गति के प्लान पर सभी ट्रेनों का संचालन हो. हालांकि पिछले 2 सालों से रेलवे की सुरक्षा पर खर्च किया जाने वाली रकम को लगभग स्थिर रखा गया है और ये 11,000 करोड़ रुपये पर रहा है.