अजगर के ‘जहर’ से कोरोना की वैक्सीन बना रहे अमेरिकी वैज्ञानिक

Health /Sanitation

(www.arya-tv.com)अमेरिकी रिसर्चर अजगर के जहर से कोरोना की वैक्सीन तैयार कर रहे हैं। उनका दावा है कि अजगर में पाया जाने वाला पदार्थ ‘स्क्वेलिन’ पावरफुल इम्युनिटी विकसित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है, यह पदार्थ सुरक्षित है। अमेरिका का ग्लोबल रिसर्च एंड डिस्कवरी ग्रुप दिमागी बीमारियों पर नई दवाएं खोजने के लिए फेमस है। इसी ग्रुप से जुड़े रिसर्चर डस्टिन क्रम और डेरिल थॉम्पसन वैक्सीन पर काम कर रहे हैं।

10 फुट के अजगर से वैक्सीन के 3500 डोज तैयार होंगे
वैज्ञानिकों का कहना है, 10 फुट के अजगर से निकाले गए स्क्वेलिन से वैक्सीन के 3500 डोज तैयार किए जा सकते हैं। रिसर्चर विवादों से बचने के लिए कृत्रिम स्क्वेलिन बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल पाई। इसलिए अजगर के जहर से ही वैक्सीन तैयार की जा रही है।

1997 में इंफ्लुएंजा वैक्सीन में भी हुआ था इस्तेमाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, स्क्वेलिन का पहली बार इस्तेमाल 1997 में इंफ्लुएंजा वैक्सीन बनाने में किया गया था। उस दौरान वैक्सीन के 2.2 करोड़ डोज तैयार किए गए थे। हालांकि, वर्तमान में दी जा रही फाइजर की कोविड वैक्सीन में स्क्वेलिन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। फाइजर के प्रवक्ता का कहना है, हमनें कोरोनावायरस की वैक्सीन में स्क्वेलिन का इस्तेमाल नहीं किया। न ही इसमें इंसान या जानवर से चीजें लेकर डाली गई हैं।

अजगर का जहर ही क्यों?

वैज्ञानिक क्रम का कहना है, स्क्वेलिन तेल की तरह दिखने वाला पदार्थ है। ये शार्क मछली के लिवर में भी पाया जाता है, लेकिन मछलियों से इसे निकालना विवाद की वजह बन सकता है। इसलिए इसे निकालने के लिए बर्मीज अजगरों का प्रयोग किया जा रहा है।

मछलियों के संरक्षण से जुड़ी संस्था शार्क एलाइज की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर स्टेफनी ब्रेंडिल कहती हैं, ऐसे जीव जिनकी संख्या पहले ही कम है, उनसे कुछ हासिल करना लम्बे समय के लिए ठीक नहीं है।

महामारी कब तक चलेगी कुछ कहा नहीं जा सकता। अगर इसके लिए शार्क का प्रयोग किया जाता है तो काफी संख्या में इसकी जरूर होगी। हम वैक्सीन के प्रोडक्शन को रोकना नहीं चाहते, लेकिन शार्क से लिए जाने वाले स्क्वेलिन का दूसरा विकल्प ढूंढना जरूरी है।

वैज्ञानिक क्रम के मुताबिक, सांपों के जहर में कई औषधीय खूबियां पाई जाती हैं। हजारों सालों से अजगर का इस्तेमाल दवाओं को तैयार करने में किया जा रहा है। हम अजगरों का इस्तेमाल इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि ये अमेरिका के कुछ हिस्सों में तेजी से बढ़ रहे हैं और जानवरों का शिकार करके उन्हें खत्म कर रहे हैं।