पुष्पा सिंह भूल गई थी अपनी जमीन, अतीक की मौत के बाद जगी आस, क्या मिलेगी उनको जमीन वापस

Gorakhpur Zone

(www.arya-tv.com) माफिया अतीक अहमद भले ही मिट्टी में मिल चुका है, लेकिन उसके कारनामों का कच्चा-चिट्ठा अब भी खुल रहा है। फरेंदा तहसील परिसर में रहने वाली पुष्पा सिंह की भी जमीन अतीक के गुर्गों ने कब्जा ली है। अतीक का खौफ ऐसा था कि कोई गवाही देने को तैयार नहीं हुआ। पुलिस रिपोर्ट लिखने को तैयार नहीं हुई। हार कर उन्होंने कोर्ट की शरण ली। मामला अदालत में चल रहा है।

पुष्पा को अब उम्मीद बंधी है कि उनकी जमीन मिल जाएगा। अतीक के खौफ में वह प्रयागराज की अपनी जमीन को भूल ही गईं थी। फरेंदा तहसील परिसर के सरकारी आवास में अपने लेखपाल बेटे दीपेंद्र सिंह के साथ रहने वाली पुष्पा सिंह के पति अजित बहादुर सिंह ने वर्ष 1988 से 1992 के बीच प्रयागराज में यूपी एग्रो लिमिटेड में तैनाती के दौरान कसारी-मसारी में 2200 स्क्वायर फीट जमीन खरीदी थी।

इस जमीन पर उन्होंने मकान भी बनवाया था। हालांकि, पति और बच्चों के साथ पुष्पा प्रयागराज में किराये के मकान में रहती थीं। साल 2007 में जब वह प्रयागराज नगर निगम में टैक्स जमा करने गईं, तो पता चला उनकी जमीन पर अतीक ने कब्जा कर लिया है।

मूलरूप से बलिया की रहने वाली पुष्पा ने बताया कि जमीन पर अतीक के कब्जा करने की बात सुनते ही पैरों तले जमीन खिसक गई थी। उन्होंने बताया कि एक तरफ माफिया से जान का खतरा था, तो दूसरी तरफ जमीन हाथ से निकल जाने का गम। कई दिनों तक सोच-विचार के बाद अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की ठानी। हिम्मत कर धूमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गईं, लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई। एसपी से शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई थी।

पुष्पा ने बताया कि कोई भी अधिकारी मौके पर जाने के लिए तैयार नहीं था। मजबूर होकर मामला न्यायालय में ले जाना पड़ा। मुकदमा चल रहा है। इस बीच वर्ष 2015 में पुष्पा के पति का निधन हो गया। पुष्पा ने बताया कि पति ने प्रयागराज में घर बनवाने का सपना देखा था, जो अधूरा रहा गया है। अतीक के आतंक की वजह से कोई साथ देने के लिए तैयार नहीं था।

पुष्पा ने बताया कि बेटा फरेंदा शहर में लेखपाल है। पांच साल पहले उसे नौकरी मिली है। उसी के साथ सरकारी आवास में रहती हूं। अब इंतजार है कि जमीन कब हमारी होगी।

पुष्पा सिंह ने बताया कि योगी सरकार पर भरोसा है। योगी सरकार आने के बाद ही मामले में कार्रवाई तेज हुई। उससे पहले सरकारें आती रहीं, जाती रहीं। कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। माफिया के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है, यह सराहनीय है।

वर्ष 2007 से 2021 तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। योगी सरकार आने के बाद जांच तेज हुई तो 2021 में एमपी एमएलए कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया। सुनवाई के लिए बुलाया गया। सुनवाई में अतीक कभी नहीं आया, लेकिन उसके लोग आते थे। न्यायालय का दबाव पड़ने पर अतीक दो बार ऑनलाइन पेशी पर शामिल हुआ था। बाद में बीमारी का हवाला देकर सुनवाई में शामिल नहीं हुआ।

पुष्पा ने बताया कि कसारी-मसारी स्थित उनकी जमीन की चहारदीवारी तोड़ दी गई थी। अतीक के गुर्गों ने जमीन का हुलिया ही बदल दिया था। कमरे को भी तोड़ दिया था। अगस्त 2021 में मुकदमा खुला। अतीक के डर से कोई गवाही नहीं देता था।