अब नेपाली भाषा में किया जाएगा पुराणों का अनुवाद, गोरखपुर गीता प्रेस में तेजी से चल रहा है काम

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(www.arya-tv.com) गोरखपुर में मौजूद गीता प्रेस विश्व की इकलौती ऐसी संस्था है, जो हिंदू धर्म के लगभग सभी धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन करती है. गीता प्रेस की स्थापना 3 मई 1923 को की गइ थी. गीता प्रेस में छपने वाले पुस्तकों को शायद ही कोई ऐसा देश-विदेश का व्यक्ति होगा जो पढ़ता ना हो. 100 साल से इस गीता प्रेस ने श्रीमद् भागवत गीता के साथ कई धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन किया है. वही इसे एक धरोहर के रूप में जाना जाता है. साथ ही गीता प्रेस से लगभग 15 भाषाओं में गीता का प्रकाशन किया जाता है. ताकि हर भाषा के लोग इसका पाठन कर सकें. वही जल्द ही अब नेपाली भाषा में गीता प्रेस से और भी धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन किया जाएगा.

गोरखपुर में मौजूद गीत प्रेस पिछले कई समय से श्रीमद् भागवत गीता और तमाम धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन कर रही है. इसके साथ ही भारत का नेपाल से एक ऐसा लगाव है कि दोनों देश एक दूसरे के हमराही बने रहते हैं. वही गीता प्रेस से अब तक श्री रामचरितमानस, श्रीमद् भागवत गीता, श्रीमद् भागवत पुराण, श्री शिव पुराण समेत 48 धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन नेपाली भाषा में किया जाता है. लेकिन अब जल्दी गीता प्रेस से और भी प्रकाशित होने वाले धार्मिक पुस्तकों का प्रशासन नेपाली भाषा में किया जाएगा. ताकि और भी पुस्तकों का पाठन नेपाल में किया जा सके और समझा जा सके.

पुराण भी नेपाली भाषा में होगा प्रकाशित

गीता प्रेस से लगभग 15 भाषाओं में गीता का प्रकाशन किया जाता है. जिसमें नेपाली भाषा भी होती है लेकिन अब जल्द ही पुराणों को भी नेपाली भाषा में प्रकाशित किया जाएगा. गीता प्रेस के मैनेजर लालमणि तिवारी ने बताया की जल्द ही वह काठमांडू से लौटे हैं और इन बातों पर चर्चा हुई है कि, पुराण को भी अब नेपाली भाषा में बदला जाएगा. लालमणि बताते हैं कि, पुस्तकों को तो नेपाली भाषा में प्रकाशित किया जाता है. लेकिन मूल रूप से उसमें संस्कृत में श्लोक रहते हैं. वही देवी भागवत महापुराण का काम तेजी से चल रहा है. इसी महीने के लास्ट तक उसे नेपाली भाषा में प्रकाशित कर दिया जाएगा.