मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति की संपत्ति जब्त, जानिए ईडी ने क्यों की ये बड़ी कार्रवाई

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(www.arya-tv.com) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में धन शोधन जांच के तहत बिहार में मगध विश्वविद्यालय के एक पूर्व कुलपति की संपत्तियों को जब्त कर लिया है।यह कार्रवाई बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ की गई है।

केंद्रीय एजेंसी ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि 64.53 लाख रुपये की अचल संपत्ति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के परिवार के सदस्यों और परिवार के स्वामित्व वाले ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत है। यह संपत्ति उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के धनघटा में स्थित है।

मगध विवि के पूर्व कुलपति की संपत्ति जब्त

धन शोधन का मामला बिहार की विशेष सतर्कता इकाई (एसवीयू) की एक प्राथमिकी के बाद सामने आया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर रहते हुए प्रसाद ने दूसरों के साथ आपराधिक साजिश रची और ओएमआर शीट और अन्य गोपनीय दस्तावेजों की छपाई की प्रक्रिया में राज्य सरकार को धोखा दिया।

ईडी ने कहा कि एसवीयू पटना ने प्रसाद के परिसरों की तलाशी ली और 1.84 करोड़ रुपये नकद जब्त किए और उनके बैंक खातों में रखी 90.79 लाख रुपये की धनराशि को फ्रीज कर दिया।

ईडी की जांच में हुआ बड़ा खुलासा

ईडी की जांच में पाया गया कि सितंबर 2019 से नवंबर 2021 तक, डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने “अपराध की आय का इस्तेमाल अपने बेटे डॉ. अशोक कुमार और आरपी कॉलेज के नाम पर पांच संपत्तियों को नकद में हासिल करने के लिए किया। आरपी कॉलेज का प्रतिनिधित्व उनके भाई अवधेश प्रसाद करते हैं”।

ईडी ने दावा किया कि आर पी कॉलेज के नाम पर हासिल की गई संपत्तियों को परिवार के स्वामित्व वाली प्यारी देवी मेमोरियल वेलफेयर ट्रस्ट को पट्टे पर हस्तांतरित कर दिया गया है। प्रसाद ने अपराध से प्राप्त आय को ट्रस्ट की आय के रूप में दिखाने के लिए ट्रस्ट के बैंक खाते में नकदी के रूप में जमा किया।

संघीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि प्रसाद द्वारा परिवार के स्वामित्व वाले ट्रस्ट का उपयोग करके अपराध की आय से अर्जित संपत्तियों को बेदाग संपत्तियों के रूप में पेश करने के लिए अपने परिवार के सदस्यों को शामिल कर एक सुनियोजित साजिश रची थी।