प्रयागराज (www.arya-tv.com) जिले में विगत चार वर्षों से 50 से 60 लाख प्रतिवर्ष पौधारोपण किए जा रहे हैैं। 2019 मेें चाहे एक दिन में सर्वाधिक पौधे वितरित करने का गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड हो, चाहे कछुआ सेंचुरी की स्थापना हो, राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा डॉल्फिन के सार्थक संरक्षण सहित तमाम कार्यों में वन एवं वन्य जीव, विभाग प्रगतिमान है।
जिले के 33 फीसद भौगोलिक क्षेत्र को हर-भरा करने के लिए कई योजनाओं के माध्यम से प्रयासरत है। यह कह सकते हैं कि वर्तमान हरे-भरे कल की तस्वीर संजोए हुए है। प्रस्तुत है दैनिक जागरण की खास रिपोर्ट।
वन विभाग की भौगोलिक स्थिति
129.21 वर्ग किलोमीटर में बसा है पूरा वन क्षेत्र
36.26 वर्ग किलोमीटर में झाडिय़ां
6 वर्ग किलोमीटर घना वन क्षेत्र
26 वर्ग किलोमीटर हल्का घना क्षेत्र
97.21 वर्ग किलोमीटर में खुला वन क्षेत्र
2.36 फीसद है जिले के भौगोलिक क्षेत्र का
वन्य जीवों क संख्या 2019 की जनगणना के अनुसार
5,169 नीलगाय
1,557 बंदर
653 मोर
1,066 सियार
307 लोमड़ी
14 भेडिय़ा
511 सुअर
85 लंगूर
12 लकड़बग्घा
11 सेही
35 फिशिंग कैट
506 काला हिरन।
विभाग में कर्मियों की स्थिति अंकों में
1 प्रभागीय निदेशक
3 सहायक वन संरक्षक
5 क्षेत्रीय वनाधिकारी
4 वरिष्ठ सहायक
1 प्रधान लिपिक
5 कनिष्क सहायक
1 मानचित्रकार
1 आशुलिपिक
36 वन दरोगा
8 उप वनक्षेत्राधिकारी
31 वनरक्षक
4 वाहन चालक
2 कार्यालय चौकीदार
5 क्षेत्रसहायक
3 डाकिया
30 माली
50 चौकीदार।
ये हैं आगामी योजनाएं
डीएफओ वाईपी शुक्ल ने बताया कि शासन के निर्देश पर कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जिनमें हंडिया स्थित राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा डॉल्फिन का संरक्षण, चांद खमरिया स्थित काले हिरण का संरक्षण, सेंचुरी में कछुओं के आंकड़ों में निरंतर प्रगति आदि प्रमुख हैं।
आज संगम पर देंगे संदेश
वन विभाग की ओर से आज संगम तीरे रेत पर आकृति बनाकर वन संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। डीएफओ ने कहा कि इन दिन को हम वन महोत्सव के रूप में मनाते हैैं। कलाकार रेत पर सुंदर आकृति बनाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश देंगे।