समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आज जमुना पार करछना (विधानसभा क्रमांक 260) क्षेत्र में दलित परिवार की बेटी शशि कुमारी की निर्मम हत्या की घटना के बाद पार्टी का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल प्रभावित परिवार से मिलने के लिए प्रयागराज पहुंचा.
प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की तथा आर्थिक सहायता के रूप में चेक प्रदान किया. उन्होंने शशि कुमारी के परिजनों को गले लगाकर सांत्वना दी और घटना की तत्काल न्यायपूर्ण जांच की माँग की. विधायक इंद्रजीत सरोज ने कहा कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा और परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी.
प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में एक चेक दिया, जिससे उन्हें दफन-तफ्तीश और आगे की जरूरी खर्चों में मदद मिलेगी. साथ ही पार्टी नेताओं ने आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवार को राज्य सरकार और केंद्र सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं में भी तुरंत शामिल कराया जाएगा.
प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारियों से की निष्पक्ष जांच की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधिकारियों से घटना की निष्पक्ष और त्वरित जांच कराने का आग्रह किया. साथ ही कहा कि कोई राजनीतिक दखल न हो और दोषियों को फांसी तक पहुँचाने का काम जारी रहे. अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी जल्द ही पीड़ित परिवार की आर्थिक व कानूनी मदद के लिए एक स्थाई फंड भी बनाएगी.
समाजवादी पार्टी का यह कदम कानून-व्यवस्था और सामाजिक समानता की आदर्श स्थिति को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक प्रयास है. पार्टी ने सरकार से भी अपील की है कि वे प्रभावी कदम उठाकर जातीय वैमनस्य को दूर करें और दलित-वंचितों को सुरक्षित माहौल प्रदान करें.
प्रतिनिधिमंडल में ये नेता रहे शामिल
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में इंद्रजीत सरोज (विधायक एवं पूर्व मंत्री), दद्दू प्रसाद (पूर्व मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार), अनिल यादव (जिला अध्यक्ष, गंगा पार), संदीप पटेल (विधायक, मेजा), पप्पू लाल निषाद (जिला अध्यक्ष, जमुना पार), सैयद इफ्तेखार हुसैन (महानगर अध्यक्ष), राजू पासी (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी), ननकेश बाबू (विधानसभा अध्यक्ष) सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ता शामिल रहे.
करछना विधानसभा क्षेत्र, जो प्रयागराज जिले में स्थित है, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. यहां का सामाजिक गठन जातीय विविधता से भरा है और पिछ्ले कुछ वर्षों में दलित-वंचित अल्पसंख्यकों पर हमलों की कुछ घटनाएँ सामने आई हैं. पिछले साल भी इसी क्षेत्र में एक दलित युवक के साथ कथित उत्पीड़न की शिकायत दर्ज़ हुई थी, जिसे स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते सुस्त कार्रवाई का सामना करना पड़ा था.
पिछली घटनाओं का असर
क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि शशि कुमारी की हत्या ने क्षेत्र में भय का माहौल बना दिया है. ग्रामीण इलाकों में आज भी जातीय तनाव हावी है. समाजवादी पार्टी नेताओं ने कहा कि जब तक कानून-व्यवस्था और सामाजिक न्याय बहाल नहीं होता, तब तक इस प्रकार की घटनाएँ रुकेंगी नहीं.