वीरगति को प्राप्‍त हुए प्रतापगढ़ लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश, गांव में मचा हड़कंप

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प्रयागराज (www.arya-tv.com) प्रतापगढ़ जनपद के अजगरा स्थित बलीपुर परसन गांव निवासी सेना के अमर बलिदानी लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी का पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह राजकीय सम्‍मान के साथ उनके घर लाया गया। आज भोर से ही उनके घर पर रिश्‍तेदारों, ग्रामीणों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं की भीड़ श्रद्धांजलि देने को जुटी रही। परिवार के लोगों के साथ ही ग्रामीणों की आंखें नम हो उठीं।

रात से ही गमगीन हैं परिवार के लोग व ग्रामीण

रविवार देर रात तक पार्थिव शरीर लेकर सेना के जवान व स्वजन घर नहीं पहुंचे थे। मेजर के घर पर रिश्तेदारों, नेताओं व ग्रामीणों का पहुंचना लगा रहा। वह गर्व व गम के बीच बलिदानी की बहादुरी को याद कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से गांव पहुंचे लेखपाल ने मुख्य मार्ग से शहीद के घर तक वाली सड़क की सफाई कराई।

एंबुलेंस से गांव लाया गया शहीद का पार्थिव शरीर

चमोली में भूस्खलन के दौरान लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी शहीद हो गए थे। शुक्रवार को शहीद योगेश के परिवार के कुछ लोग पार्थिव शरीर लाने के लिए गए थे। योगेश के शहीद होने की जानकारी मिली घर में कोहराम मच गया था। पार्थिव शरीर आने की प्रतीक्षा होने लगी। चार-पांच लोग चमोली चले गए व घर पर परिवार के साथ योगेश के चाचा नरेंद्र नारायण तिवारी रहे। पार्थिव शरीर सोमवार को सुबह एंबुलेंस से गांव लाया गया। तय होगा कि शहीद का अंतिम संस्कार कहां पर किया जाएगा।

अंतिम क्षण तक योगेश ने किया संघर्ष

शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश ने अपने सेवाकाल में 11 दर्रे साइकिल से पार करके रिकार्ड बनाया था। योगेश त्रिशूल चोटी पर तिरंगा फहराने ऊपर चढ़ रहे थे, पर खराब मौसम के कारण घाटी में गिरने के बाद अपने दिलेरी से बर्फ काट कर अपने तीन साथी के साथ ऊपर आ गए थे। सेना के संपर्क में बने थे। पुन: अत्यंत बर्फबारी और खराब मौसम के कारण संपर्क टूट गया और वह अपने जीवन को देश के नाम कर गए। योगेश के पिता की मृत्यु तीन वर्ष पहले हो गई थी।

योगेश के बड़े भाई आशुतोष आशु कवि व शिक्षक हैं। हरदोई में तैनात हैं। भाभी भी हरदोई में प्राइमरी में शिक्षक हैं। यह लोग मां के साथ लखनऊ में रहते हैं। तीन बहनों में से दो की शादी हो चुकी है। तीसरी की शादी दिसंबर में तय थी। योगेश के चाचा नरेंद्र तिवारी इंटर कालेज डभियार में प्रधानाचार्य हैं।