सियासत की चाल: लोकसभा चुनाव में क्या बीजेपी लगाएगी हैट्रिक, चुनाव से पहले राज्य बन जाएंगे रण

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(www.arya-tv.com) 2023 का साल देश की सियासत के लिए उथल-पुथल भरा रहा। किसी क्रिकेट मैच की तरह बॉल-दर-बॉल परिस्थितियां बदलती रहीं। पक्ष-विपक्ष, दोनों ही अपनी सियासी चालें चलते रहे।

साल 2024 बताएगा कि किसकी चाल सही रही और किसकी गलत। सियासत में कैसा रहा बीता साल और क्या होगा आगे का परिदृश्य, बता रहे हैं नरेन्द्र नाथ

बीजेपी की लगेगी हैट्रिक?

नया साल देश की राजनीति के लिए सबसे अहम माना जा रहा है। साल 2024 के शुरू में ही नरेन्द्र मोदी की अगुआई में बीजेपी आम चुनाव में जीत की हैटट्रिक मारने के मकसद से सियासी पिच पर ताल ठोकेगी। अभी तक उनके विजय रथ को रोकना विपक्ष के लिए लगभग असंभव-सा दिख रहा है।

बीजेपी ने अपना चुनावी कैंपेन भी शुरू कर दिया है। अगर बीजेपी की अगुआई वाले गठबंधन NDA ने लगातार तीसरा आम चुनाव जीत लिया तो इसका दूरगामी असर देश की सियासत पर दिख सकता है। विपक्ष फिर बिखर सकता है।

राम मंदिर के बाद

22 जनवरी 2024 का दिन अहम होगा, जब अयोध्या में बन रहे मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह घटना देश की सामाजिक-राजनीतिक हालात को बहुत दूर तक प्रभावित करेगी।

राम मंदिर की स्थापना को बीजेपी देश के नव-जागरण की वापसी का प्रतीक बता रही है और इसे अपनी बड़ी जीत के रूप में देख रही है। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे पर संतुलन बनाने की कोशिश में है।

माना जा रहा है कि राम मंदिर की स्थापना के बाद नए साल में ही देश को अगले अजेंडे की झलक मिल सकती है। जिस तरह से बीते कुछ महीनों में वाराणसी से लेकर मथुरा तक के मामले सक्रिय हुए हैं, आगे सियासत में नए सिलेबस की एंट्री दिख सकती है।

राज्यों में भी दिखेगा रण

आम चुनाव के साथ नए साल में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे, जिनके परिणाम पूरे देश की सियासत के हिसाब से बेहद अहम होंगे। ओडिशा में नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश में वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी का सियासी भविष्य भी अगले साल तय होगा।

नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी भी नए साल में मिल सकता है। इसके अलावा महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव होंगे। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इनके नतीजे देश को प्रभावित करेंगे।

करप्शन के मामलों का असर

अगले साल यह देखना सबसे अहम होगा कि करप्शन के आरोप झेल रहे नेताओं के केस की दिशा किधर घूमती है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल हों, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव या झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन हों या फिर कांग्रेस सहित विपक्ष के अन्य दिग्गज नेता- इन सभी पर जांच एजेंसियों खासकर ईडी की दबिश है।

कई नेता जेल में भी हैं। इन सभी नेताओं और दलों ने सियासी दुश्मनी का आरोप लगाया है। इनमें कई नेता तो एक-दो साल के अंदर चुनाव में जाने वाले हैं। ऐसे में इन मामलों पर कोर्ट-जांच एजेंसी की कार्रवाई का असर भी सियायत पर होगा।