एक लाख के इनामी बदमाश को पुलिस ने मुठभेड़ में किया गिरफ्तार, खोले कई राज

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कानपुर(www.arya-tv.com) एक लाख के इनामिया विक्की सोनी के अब तक फरार होने के पीछे पुलिस की बड़ी लापरवाही रही है। पुलिस की नाक के नीचे एक साल से वो फतेहपुर और उसके आसपास डेरा डाले हुए था और महीने में दो से तीन बार अपने घर भी आता जाता रहा लेकिन पुलिस उसको पकड़ नहीं पाई।

सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी में कुछ खास जद्दोजहद की ही नहीं। इसलिए एसटीएफ ने टारगेट सेट कर उसको दबोचा तीन अक्तूबर 2019 को विक्की पेशी के दौरान फरार हुआ था। एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक फरार होते ही वो मुंबई में अपने रिश्तेदार शीबू के वहां पहुंचा।

कुछ दिन उसने पनाह दी। उसके बाद वो वहां से नेपाल चला गया। करीब छह महीने तक नेपाल व मुंबई में रहा, उसके बाद वो फतेहपुर आ गया। यहां पर दोस्त अजीत ने शरण दी। विक्की अपने घर कानपुर कुछ मिनटों के लिए आता था।

मुठभेड़ से पहले वादी को पीटा
एसटीएफ ने जो एफआईआर दर्ज कराई है उसके मुताबिक जिस रोहित भदौरिया की विक्की ने हत्या की थी अब वह उसमें गवाहों को धमका रहा था। मंगलवार को वह पनकी मंदिर के पास पहुंचा था। मंदिर से दर्शन कर लौट रहे रोहित भदौरिया के भाई रितेश भदौरिया को उसने जमकर पीटा। उस पर पिस्टल तान दी थी। धमकाया कि केस की पैरवी बंद कर दें वरना रोहित वाला ही अंजाम होगा। इस मामले में भी विक्की पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

इन सब ने उपलब्ध कराया था असलहा  
एसटीएफ के मुताबिक विक्की के संपर्क में रामजी मिश्रा, ललित दुबे, सत्यम दुबे, माथा पांडेय, गोलू ठाकुर समेत अन्य अपराधी थे जो उसको पैसे से लेकर असलहा व कारतूस उपलब्ध करवाते थे। उसके पास से छह कारतूस बरामद हुए। उसने तीन चार राउंड फयरिंग की थी।