सांस्कृतिक विकास व साहित्य के सरंक्षण के लिए दृढ़ संकल्पित हैं पीएम मोदी और सीएम योगी : डॉ. राजेश्वर सिंह

Lucknow

पंडित बृजेश कुमार मिश्रा

  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने ​की मानस संगम के 54वें वार्षिक समारोह में सहभागिता, कहा— ‘ये है हिंदी का स्वर्णिम युग’
  • साहित्य से पता चलता है देश का गौरव, साहित्य का संप्रेषण व संवहन करना आवश्यक : डॉ. राजेश्वर सिंह
  • हिंदी जितनी मजबूत होगी उनता देश होगा सशक्त : डॉ. राजेश्वर सिंह

लखनऊ। हिंदी का स्वर्णिम युग चल रहा है। ​देश विदेश के लोग हिंदी का अध्यन कर रहे है, प्रचार प्रसार कर रहे है, 22 ​देशों में 80 करोड़ लोग हिंदी पढ़ रहे है। हिंदी जितनी सशक्त होगी, उतना ही ज्यादा देश अखंड होगा और हम महाशक्ति के रूप में स्थापित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदी के उत्थान व प्रचार प्रसार के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। सांस्कृतिक विकास व साहित्य के सरंक्षण के लिए प्रदेश व देश की सरकारें निरंतर दृढ़ता से कार्य कर रही हैं।

ये बातें कानपुर नगर के महाराज प्रयाग नारायण शिवाला में आयोजित मानस संगम के 54वें वार्षिक समारोह के दौरान सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कही। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. राजेश्वर सिंह पहुंचे थे। मानस संगम के संस्थापक बद्री नारायण तिवारी ने डॉ. राजेश्वर सिंह को पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया।

कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और प्रयागराज उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नीरज तिवारी भी उपस्थित रहे। इस दौरान देश व विदेश से हिंदी प्रेमी जुटे थे। इस मौके पर विद्वजनों को भी सम्मानित किया गया।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने सभी वक्ताओं, कवियों व साहित्यकारों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि किसी भी कालखंड में साहित्य से पता चलता है कि देश कितना गौरवशाली रहा है इसलिए साहित्य का संप्रेषण व संवहन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें साहित्य को समझना, संजोना और संरक्षित करना है।

डॉ. सिंह ने कहा कि साहित्य संगम के प्रयासों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि साहित्य संगम पिछले 54 वर्षों से साहित्यकारों को सम्मान दे रहा है, साहित्य के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे है, इसके लिए मैं साहित्य संगम को धन्यवाद देता हूं।

उन्होंने बताया कि देश की आजादी भी कानपुर की अहम भूमिका रही है। कानपुर को मैनचेस्टर ऑफ द ईस्ट कहा गया है। देश व प्रदेश की ​उन्नति में कानपुर का बड़ा योगदान रहा है। जीडीपी में 5 प्रतिशत से ज्यादा कानपुर योगदान रहा है। साहित्य के संरक्षण व साहित्यकारों के सम्मान को लेकर भी कानपुर कार्य कर रहा है।

हिंदी के प्रचार प्रसार पर जोर देते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि हिंदी भाषा का विकास आज वैश्विक स्तर पर भी हो रहा है। हिंदी व हिंदी साहित्यकारों के उत्थान के लिए मैं हर प्रकार का योगदान देने के लिए तत्पर हूं।

डॉ. सिंह ने पत्रकारों को अदम्य साहस और निष्पक्षता का प्रतीक बताया और कहा कि पत्रकार सरकार, प्रशासन व जनता की बीच की कड़ी होते है जो सरकार व जनता को जोड़कर रखते हैं। पत्रकार लोकतंत्र के साथ-साथ साहित्य के भी प्रहरी होते है। वे समाज को दिशा दिखाते हैं तथा व मार्गदर्शन भी करते है।

उन्होंने कहा कि ज्ञान कहीं से भी मिले अर्जित करना चाहिए। यहां आकर मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। इसके लिए मैं सभी का आभारी हूं। मेरा प्रयास रहेगा कि साहित्यकारों से मिले ज्ञान को मैं राजनीति में प्रयोग कर सकूं।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने वहां उपस्थित लोगों से कहा कि अगर आप लखनऊ आए तो मुझे सेवा का अवसर दें, आपका स्वागत है। सरोजनीनगर को एक सर्वोत्तम व आदर्श विधानसभा बनाने के लिए संकल्पित हूं। मातृशक्ति को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेरा प्रयास जारी है। बेटियों की शिक्षा के लिए मेरा विशेष प्रयास है, बेटियों के सभी कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी लगवाए जा रहे हैं। वृद्धजनों के लिए ‘रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा’ के माध्यम से रामलला के दर्शन करवा रहा हूं। बच्चों की गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए मेरा प्रयास जारी है, क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प करवाकर झूले भी लगवाए जा रहे हैं ताकि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद की भी सुविधा स्कूल में उपलब्ध हो।