गोरखपुर में पेट्रोल हुआ 100 रुपये के पार, रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें

Gorakhpur Zone

 (www.arya-tv.com) पेट्रोलियम कंपनियों ने मंगलवार देर रात पेट्रोल-डीजल के साथ ही 14.2 किलोग्राम के नान सब्सिडी रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी कर दी है। गोरखपुर में पहली बार पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच गई है। गोरखपुर में पेट्रोल की कीमत 100.10 रुपये प्रति लीटर हो गई है। स्पीड पेट्रोल की कीमत 103 रुपये प्रति लीटर हो गई है। डीजल 91.93 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। अब नान सब्सिडी रसोई गैस सिलेंडर का रेट 962 रुपये हो गया है। पहले रेट 947 रुपये था। पांच किलोग्राम के नान सब्सिडी रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 353 रुपये हो गई है। सिलेंडर की कीमतों में यह बढ़ोतरी लागू हो गई है। एक अक्टूबर को पेट्रोलियम कंपनियों ने कामर्शियल सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की थी।

दो रुपये कम हुए कमर्शियल सिलेंडर के दाम
पेट्रोलियम कंपनियों ने एक अक्टूबर को 19 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। तब रेट 1876 रुपये हुआ था। मंगलवार देर रात जारी नए रेट में सिलेंडर की कीमतों में दो रुपये की कमी की गई है। गोरखपुर में अब 19 किलोग्राम का कमर्शियल रसोई गैस सिलेंडर 1874 रुपये में मिलेगा।

सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी से सभी नाराज
नान सब्सिडी रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी से समाज के सभी वर्गों में नाराजगी है। महिलाओं का कहना है कि एक तरफ डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं तो दूसरी तरफ रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में भी महीने में एक से दो बार इजाफा किया जा रहा है। इससे किचन का बजट गड़बड़ा जा रहा है। पहले बढ़े हुए रेट से ज्यादा सब्सिडी मिल जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। सिलेंडर की कीमतें तो बढ़ती जा रही हैं लेकिन सब्सिडी 59 रुपयेे ही मिल रही है। सिंघड़िया की नीलम दीक्षित का कहना है कि रसोई गैस हर घर की जरूरत है।

सरकार को कम से कम इसकी कीमतों पर तो नियंत्रण रखना ही चाहिए लेकिन सरकार ने इसे पेट्रोलियम कंपनियों के हवाले कर नागरिकों को महंगाई की आग में झोंका है। रुस्तमपुर की अर्चना त्रिपाठी का कहना है कि रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण होना चाहिए। इससे आम आदमी को सबसे ज्यादा राहत मिलती, क्योंकि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें नियंत्रित रहेंगी तो तो माल भाड़ा भी नहीं बढ़ेगा और बाहर से आने वाले खाद्य पदार्थ की कीमतें भी स्थिर रहेंगी।