काश उस दौर में होता मोबाइल… जब डकैत समान लूटने के साथ खा जाते थे सारा खाना, गांव में रहता है आतंक

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(www.arya-tv.com). कौन होगा जिसने बचपन में अपनी दादी और नानी से कहानी नहीं सुनी होगी. कुछ साल पहले बच्चों को सुलाने के लिए दादी, नानी या मां कहानियां सुनाया करती थी. लेकिन इस आधुनिकता के दौर में अब इन सब का चलन नहीं रहा. बच्चे रात में टीवी या मोबाइल देखते-देखते सो जाते हैं. पहले छोटे बच्चे अपनी दादी नानी से कहानी सुनकर ही सोते थे और नहीं सुनाने पर जिद भी करते थे. पहले परिवार भी बड़ा हुआ करता था, 78 साल की वृद्ध महिला सरोजा देवी ने बताया कि परिवार सिमटने के साथ-साथ, ये कहानियां जैसे कहीं गुम हो गईं. बचपन की वो खूबसूरत यादें जब याद आती है तो कहीं न कहीं दिलों को झकझोर जाती है. दादी, नानी या मां के द्वारा सुनाई जाने वाली प्राचीन कहानियां आज केवल यादों में रह गई हैं. उन्होंने अपने दौर के एक कहानी के बारे में भी बताया जब ग्रामीण इलाकों में चोरों और डकैतों का आतंक रहता था. पूरे परिवार को बंधक बनाकर सामान लूट ले जाते थे.

सरोजा देवी ने बताया कि 50 साल पहले उनके आंखों के सामने घटित हुई किस्से के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि 50 से 60 साल पहले डकैतों के आतंक से लोग परेशान रहते थे. अंधेरा होते ही डकैतों का आतंक सिर चढ़कर बोलने लगता था. अंधेरा होते ही गांव में घुस जाते थे और घर में बना हुआ खाना तो खाते ही थे साथ ही सारा सामान भी लूट कर चले जाते थे. उन्होंने बताया कि जब सभी लोग खाकर सो जाते थे तब आधी रात में चोर आते थे और घर के पीछे दीवार को तोड़ते यानी सेंधमारी करते थे, क्योंकि पहले अधिकांश मिट्टी का घर हुआ करता था. सेंध मारकर और ईंट के मकान में दरवाजा की कुंडी तोड़कर सारा सामान लेकर चले जाते थे.

दादी सरोजा देवी बताती हैं कि लगभग 60 साल पूहले जब शादी नहीं हुई थी तो उस समय घर में चोरी हुई थी. अपनी मां के साथ मिट्टी के घर में सोई हुई थी. चोर आए और सेंध मारकर घर में घुसकर सारा सामान लेकर चले गए. घर में कोई भी सामान नही छोड़ा था. बर्तन से लेकर कपड़ा तक चुरा कर ले गए थे. घर में अगर कुछ बचा था तो सिर के पास रखा पानी से भरा हुआ लोटा. पहले ना ही किसी के पास फोन था और न ही मोबाइल था कि बाहर गए परिजन और पुलिस प्रशासन को चोरी की सूचना दी जाए. सूचना देने के लिए जाना पड़ता था, जिसमें बहुत समय लगता था. उस दौर में अगर मोबाइल फोन होता तो पुलिस को चोरी से संबंधित सूचना तुरंत मिल जाती. जिससे चोरी और डकैती की घटना पर अंकुश लगता और लोग ज्यादा परेशान नहीं होते. जब सारा सामान कर लेकर चले गए तो हांडी में खाना पकाने को मजबूर हो गए थे