इस DPO को सेवानिवृत्ति के बाद भी नहीं मिलेगा पेंशन, मामले में ऐसे फंसे कि विभाग ने आजीवन लगा दी रोक

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जिले के पूर्व डीपीओ कन्हैया प्रसाद की नौकरी से रिटायर्ड के बाद मिलने वाली पेंशन पर आजीवन रोक लगा दी गई है. इनपर सीतामढ़ी में ही रिश्वत लेने का आरोप है, जो मामला अभी विजिलेंस कोर्ट में चल रहा है. जिस दिन इन्हें गिरफ्तार किया गया, उसी दिन वह जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद पर योगदान देने जा रहे थे. जहां संजय प्रसाद देव उर्फ कन्हैया प्रसाद देव को निगरानी ने साल 2023 में 50 हजार रुपये घुस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उन पर शिक्षा विभाग के निदेशक सुबोध कुमार चौधरी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके आजीवन पेंशन पर रोक लगा दी है.

बता दें कि संजय प्रसाद देव सीतामढ़ी में डीपीओ के पद पर तैनात हुआ करते थे. यहां से उन्हें शिक्षा विभाग ने प्रमोशन देकर सीतामढ़ी का ही DEO बनाया था. सीतामढ़ी में 16 मार्च 2023 को पटना से आई निगरानी की टीम ने 50 हजार रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. उसके बाद विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया था. काफी दिनों बाद उन्हें जेल से जमानत मिलने के बाद विभाग ने फिर से तैनात किया था. अब संजय विभाग से अवकाश प्राप्त कर लिए हैं.

पेंशन पर आजीवन लगाई रोक
अवकाश प्राप्त करने के बाद उनको जीवकोपार्जन के लिए मिलने वाले पेंशन पर विभाग ने आजीवन रोक लगा दी है. शिक्षा विभाग ने कहा कि तत्कालीन डीपीओ संजय प्रसाद देव 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत हो गए थे. इसके बाद इनके खिलाफ 29 सितंबर 2024 को जारी विभागीय कार्रवाई को बिहार पेंशन नियमावली में परिवर्तित कर दिया गया. संचालन पदाधिकारी ने जांच प्रतिवेदन में आरोपी पदाधिकारी के खिलाफ गठित आरोप प्रमाणित पाए. इसके बाद इनसे दोबारा स्पष्टीकरण की मांग की गई

.विभाग ने भी दे दी सहमति
शिक्षा विभाग के डीपीओ संजय से पूछे गए स्पष्टीकरण के जवाब में उन्होंने नया साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया. संचालन पदाधिकारी ने आरोपी अधिकारी के 100 फ़ीसदी पेंशन को सदा के लिए रोकने का दंड लगाया. संचालन पदाधिकारी के दंड प्रस्ताव पर बिहार लोक सेवा आयोग से परामर्श मांगी गई. बीपीएससी ने भी उक्त दंड पर अपनी सहमति दे दी. इसके बाद शिक्षा विभाग ने 17 जनवरी 2025 को संजय की शत प्रतिशत पेंशन को सदा के लिए रोक लगाने का संकल्प जारी कर दिया.