संसद सुरक्षा: सागर शर्मा की डायरी ने उगले कई गहरे राज, एक-दो नहीं 8 साल से कर रहा था तैयारी! 30 फोन नंबर किसके?

# ## National

(www.arya-tv.com) नई संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर देश को दहलाने वाले लखनऊ के सागर शर्मा के कुछ नए किस्से सामने आए हैं। पुलिस की सागर की एक डायरी मिली है। इसमें सागर ने अनछुए रास्ते पर जाने के डर, उसके मन में भड़क रही आग, ‘कुछ करने’ के उसके दृढ़ संकल्प का जिक्र किया है।

इसमें अपने माता-पिता को ‘ये घर से जाने का समय है’ जैसी बातें न बता पाने की दुविधा का जिक्र किया है। ये सब उसने क्रांतिकारी जुनून से ग्रस्त एक युवा व्यक्ति की तरह हिंदी शायरी की तरह 2021 में लिखा था। सागर शर्मा से उसके अन्य साथियों के साथ दिल्ली में फिलहाल पूछताछ चल रही है।

संसद मामले के आरोपी सागर शर्मा की डायरी के पन्नों में ऐसे कई नोट्स, देशभक्ति कविताएं और क्रांति पर विचार शामिल हैं, जिन्हें उसने 2015 के आसपास लिखना शुरू किया था। इसी साल उसने 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा पास की थी।

जनवरी 2021 के बाद से सागर इस तरह की विचारधारा के लोगों से ज्यादा जुड़ गया था। सागर का परिवार बताया है कि तब वो बेंगलुरु से लौटा था और समान विचारधारा वाले युवाओं के संपर्क में था।

कोविड के बाद बेंगलुरु से लौटा

सागर शर्मा के परिवार के मुताबिक वो 2018 में एक आटा मिल में काम करने के लिए बेंगलुरु गया था। कोविड के बाद वापस लौटे आया। सागर की डायरी उसके आस-पास की कई चीजों से उसका ध्यान भंग के बारे में जानकारी देती है।

डायरी का पहला पन्ना उसने 8 जून, 2015 को लिखा था। यहां उसने यथास्थिति को तोड़ने की उनकी इच्छा के बारे में बात करने से पहले “इंकलाब जिंदाबाद” लिखा था।

दोस्तों की जरूरत का जिक्र

सागर ने डायरी में लिखा, ‘मैं केवल अपने देश के लिए और इसकी पूर्ण स्वतंत्रता के लिए काम करता हूं। बलात्कार, भ्रष्टाचार, भूख, हत्या, अपहरण, तस्करी, धर्म के लिए लड़ाई जैसी चीजें देश के हित के खिलाफ हैं।

मैं अमीर नहीं हूं, मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूं। मुझे कुछ ऐसे दोस्तों की जरूरत है जो देश के लिए काम करने के प्रति ईमानदार हों।’ डायरी के एक पेज पर उसने राम प्रसाद बिस्मिल के महाकाव्य “सरफरोशी की तमन्ना” से एक दोहा भी लिखा है।

‘हौसले जो होते हैं बुलंद, वो झुकते नहीं ललकार से/सर जो उठ जाते हैं, वो काटते नहीं तलवार से।’

सागर की डायर में 30 मोबाइल नंबर

3 अगस्त, 2016 को सागर ने देश की खराब शिक्षा प्रणाली को बड़ा मुद्दा बताते हुए भी कुछ लिखा था। सागर की डायरी में कुछ अजीब नामों के साथ करीब 30 मोबाइल नंबर मिले हैं, जिनमें से अधिकांश अब चालू नहीं हैं।

कुछ नंबरों को डायल किया गया तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। सागर की किताबों के कलेक्शन में शर्लक होम्स की जसूसी से जुड़ी किताबें मिली हैं। वहीं एडॉल्फ हिटलर की ‘मीन काम्फ’ हिंदी अनुवाद बुक भी कलेक्शन में शामिल थी।

लोकसभा कार्यवाही के दौरान कूदा

सागर के परिवार ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले की जांच में पुलिस की मदद के लिए ये डायरी दी है। सागर ने संसद में लोकसभा की कार्यवाही के दौरान गैलरी से कूद गया और बेंचों पर चढ़कर स्पीकर की मेज के पास पहुंच गया। सागर ने जूते से एक कनस्तर निकाला और हॉल के अंदर पीला धुआं छोड़ दिया था।