एक बड़े मुस्लिम देश के साथ मिलकर कौन सा हथियार बना रहा पाकिस्‍तान, भारत की बढ़ेगी मुसीबत

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(www.Arya Tv .Com) पाकिस्तान अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए चीन और तुर्की की एक से बढ़कर एक मिसाइल अपने बेड़े में शामिल कर रहा है. तुर्की और पाकिस्तान नई मिसाइल बनाने जा रहे हैं. यह बियोन्ड विजन मिसाइल दोनों देशों की पुरानी मिसाइलों को मिलाकर तैयार की जाएगी. यह मिसाइल हवा से हवा में काम करेगी. इसको तुर्की की गोकदोगन मिसाइल और पाकिस्तान की FAAZ-2 मिसाइल को मिलाकर तैयार किया जाएगा. यानी दोनों मिसाइलों की तकनीक को मिलाकर एक खतरनाक मिसाइल बनाने की तैयारी है.

गोकदोगन मिसाइल की रेंज 65 से 100 किलोमीटर है और इसके कई वैरिएंट्स भी मौजूद हैं. यह मिसाइल फायर एंड फॉरगेट की तकनीक पर काम करती है. इसकी रफ्तार 4770 किलोमीटर प्रति घंटा है. वहीं, पाकिस्तानी मिसाइल FAAZ-2 की बात करें तो इसकी रेंज 180 किलोमीटर है और 4174 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है. इससे एयरक्राफ्ट, ड्रोन और हेलीकॉप्टर पर निशाना लगाया जा सकता है.

फाइटर जेट में पाकिस्तान लगाएगा तुर्की की मिसाइल

इस बीच पाकिस्तान ने तुर्की की एक मिसाइल को अपने F-16 फाइटर जेट्स में लगाने का फैसला किया है. तुर्की की इस मिसाइल का नाम Bozodoan है, जिसे पाकिस्तान की पुरानी मिसाइल AIM-9 Sidewinder की जगह हवा से हवा में वार करने के लिए शामिल किया जा रहा है. तुर्की की मिसाइल  Bozodoan में हाई-रेजोल्यूशन इंफ्रारेड सीकर (IIR) हेड है. इसकी रेंज 25 किलोमीटर है और 3578 किलोमीर प्रति घंटा की रफ्तार से यह हवा में दुश्मन पर हमला करती है. इसकी आईआईआर तकनीक क्रूज मिसाइल को गिराने में भी सक्षम है. वहीं, AIM-9 Sidewinder की बात करें तो उसकी रेंज 35.3 किलोमीटर है और रफ्तार 2980 किलोमीटर प्रति घंटा है.

पाक वायु सेना में जल्द शामिल होगा चीन का J-31 फाइटर जेट
इस बीच पाकिस्तानी वायु सेना के बेड़े में चीनी FC-31/J-31 फाइटर जेट भी शामिल होने वाला है. पिछले महीने 3 जनवरी को पाक वायु सेना के एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धु ने बताया था कि जल्द ही यह फाइटर जेट पाकिस्तानी सेना के पास आ जाएगा. यह एक स्टील्थ फाइटर जेट है और कुछ  चीनी एक्सपर्ट्स का ऐसा कहना है कि इसके आने से पाकिस्तानी सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. उनका यह भी कहना है कि इसके शामिल होने से पाक सेना इतनी ज्यादा अपडेट और हाईटेक हो जाएगी कि भारतीय वायु सेना से वह एक पीढ़ी आगे निकल जाएगी.