पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी संगठनों को अमेरिका में मिली जमीन,जानें क्यों भारत के लिए खतरा

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(www.arya-tv.com) पाकिस्तान समर्थित खालिस्तान अमेरिका में तेजी से अपनी जड़ें जमा रहा है। अमेरिका के एक शीर्ष थिंक टैंक ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी खालिस्तानी समूह चुपचाप संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि नई दिल्ली द्वारा की गई अपील के बावजूद अमेरिकी सरकार भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के प्रति उदासीन रही है।

हडसन इंस्टीट्यूट ने मंगलवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट ‘पाकिस्तान की अस्थिरता का षडयंत्र : अमेरिका में खालिस्तानी सक्रियतावाद’ में पाकिस्तान द्वारा इन संगठनों को दिए जा रहे समर्थन की जांच करने के लिए ‘अमेरिका के भीतर खालिस्तान और कश्मीर अलगाववादी समूहों’ के आचरण को आंकलन किया है।

रिपोर्ट में इन समूहों के भारत में उग्रवादी और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों और दक्षिण एशिया में अमेरिकी विदेश नीति पर उनकी गतिविधियों के संभावित हानिकारक प्रभावों को देखा गया है। रिपोर्ट दर्शाती है कि ‘पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकवादी समूहों की तरह, खालिस्तान समूह नए नामों के तहत उभर सकते हैं।’ इसमें आगे कहा गया है कि ‘दुर्भाग्य से, संयुक्त राज्य सरकार ने खालिस्तान कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है, भले ही खालिस्तान अभियान के सबसे कट्टर समर्थक यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में स्थित हैं।

रिपोर्ट में कहा गया हैकि जब तक अमेरिकी सरकार खालिस्तान से संबंधित उग्रवाद और आतंकवाद की निगरानी को प्राथमिकता नहीं देती, तब तक उन समूहों की पहचान करने की संभावना नहीं है जो वर्तमान में भारत में पंजाब में हिंसा में लिप्त हैं या ऐसा करने की तैयारी कर रहे हैं। हडसन इंस्टीट्यूट का कहना है कि पूर्वानुमान राष्ट्रीय सुरक्षा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसलिए, उत्तरी अमेरिका में स्थित खालिस्तानी समूहों की गतिविधियों की जांच करना खालिस्तान आंदोलन द्वारा आयोजित हिंसा की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।