(www.arya-tv.com) लखनऊ के लेवाना होटल में आग लगने के बाद आगरा के होटलों में आग से बचाव के इंतजामों पर सवाल खडे़ हो गए हैं। शहर में करीब 450 होटल हैं। इनमें से केवल 30 होटल ही ऐसे हैं, जिनको अग्निशमन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) दी है। अगर, ऐसे में किसी होटल में कभी हादसा होता है, तो बड़ा नुकसान हो सकता है।
आगरा में ताजमहल और अन्य ऐतिहासिक स्मारक होने के चलते यहां पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। ऐसे में यहां पर करीब 24 सितारा होटल के साथ छोटे-बड़े मिलाकर 450 होटल हैं। सभी होटलों का सराय एक्ट में पंजीकरण है। अग्निशमन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इनमें 30 होटल में आग से बचाव के पूरे इंतजाम है, जबकि 36 से अधिक होटल ऐसे हैं, जिनके सुरक्षा उपकरणों में खामियां हैं। इन होटलों को विभाग ने मानकों के अनुरूप अग्निशमन के इंतजाम करने के दिशा-निर्देश दिए थे। जबकि बाकी का विभाग ने अभी निरीक्षण नहीं किया है।
न इमरजेंसी एग्जिट न ही वेंटिलेशन
ज्यादातर मिडिल क्लास के होटल में आपातकाल में बचाव के लिए इंतजाम भी नहीं है। बड़ी संख्या में होटल ऐसे हैं, जिनमें इमरजेंसी एग्जिट नहीं है। इसके अलावा अधिकांश होटल लग्जरी लुक देने के लिए कांच के महल की तरह बने हैं।
होटलों को कांच से पूरी तरह से पैक कर दिया गया है। जिसके चलते इन होटलों में वेंटीलेशन की उचित व्यवस्था नहीं है। आग लगने की स्थिति में धुआं भरने से ये कांच के महल गैस चैंबर बन जाते हैं, जिससे अंदर फंसे व्यक्ति का दम घुटने लगता है।
लखनऊ में जिन 4 लोगों की मौत हुई है, वो दम घुटने के कारण ही मरे हैं। होटल लेवाना में भी इमरजेंसी एग्जिट नहीं थी। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अक्षय रंजन शर्मा का कहना है कि अग्निशमन विभाग द्वारा होटलों में आग से बचाव के इंतजाम देखने को अभियान चलाया जाएगा।
बिना नक्शा पास कराए चल रहे हैं होटल
लखनऊ के जिस लेवाना होटल में आग लगी, वो बिना नक्शा पास कराए अवैध रूप से चल रहा था। इसी तरह ताजनगरी में भी बड़ी संख्या में ऐसे होटल हैं जो बिना नक्शा पास कराए बना दिए गए हैं। अवैध रूप से इनका संचालन हो रहा है।