एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री भारत की विविधता और इसके बहुलवाद को एक समस्या मानते हैं। इसलिए, वह ऐसी बातें कहते हैं… क्या आप यूसीसी के नाम पर देश के बहुलवाद और विविधता को छीन लेंगे?… जब वह यूसीसी की बात करते हैं, तो वह हिंदू नागरिक संहिता की बात कर रहे हैं…मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि क्या वे हिंदू अविभाजित परिवार को खत्म कर सकते हैं?…जाइए और पंजाब में सिखों को यूसीसी के बारे में बताइए, देखिए वहां क्या प्रतिक्रिया होती है…”
पीएम मोदी ने मंगलवार को भोपाल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यूसीसी पर विपक्षी दल लोगों को भड़का रहा है। एक ही घर में दो कानून कैसे हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट भी बार-बार कह चुका है कि यूसीसी लाओ, लेकिन विपक्षी दल वोट बैंक के लिए इसका विरोध कर रहे हैं। यूसीसी का जिक्र संविधान में भी किया गया है।
समान नागरिक संहिता का मतलब सबके लिए एक कानून से है। इसके तहत सभी धार्मिक समुदायों पर विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने और रखरखाव जैसे मसलों पर एक जैसा कानून लागू होगा। देश में सभी नागरिकों के लिए एक समान आपराधिक संहिता तो है, लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है।