अधिक से अधिक वादों का निस्तारण करें अधिकारी : जिला जज

Lucknow
  • राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन संपन्न
  • आर्बिट्रेशन वादों की अधिक संख्या होने के कारण अधिक से अधिक हो निस्तारण- जिला जज

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार जनपद न्यायालय, लखनऊ में माननीय जनपद न्यायाधीश  अश्विनी कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता तथा मार्गदर्शन में एवं मीनाक्षी सोनकर सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में जनपद न्यायालय लखनऊ सहित मोटर दावा दुर्घटना अधिकरण, पारिवारिक न्यायालय परिसर, वाणिज्यिक न्यायालय, कलेक्ट्रेट एवं समस्त तहसीलों आदि में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन आज किया गया। इस अवसर पर माननीय जनपद न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक वादों का निस्तारण किया जाए, इस उद्देश्य से लोक अदालत का आयोजन कर गरीब जनता को कम से कम धनराशि में मुक़दमों का निस्तारण किया जाए।

इस लोक अदालत का जनता अधिक से अधिक इसका लाभ ले और अपने मुकदमों का निस्तारण कराएं। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी इसका ध्यान दें और अपने कार्यदायित्वों को ध्यान में रखते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की संख्या कम है और काम ज्यादा है इस करण अधिकारी अधिक से अधिक मेहनत करें।  न्यायाधीश ने कहा कि आर्बिट्रेशन के वादों की संख्या अधिक है इस कारण इन वादों का अधिक से अधिक निस्तारण किया जाए।

 राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजन में जिसमें जनपद न्यायालय के कुल 11090 मामलें, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के कुल 124 मामले, वाणिज्यिक न्यायालय के 72 मामलें तथा पारिवारिक न्यायालय के 181 मामलों सहित न्यायालय में लम्बित कुल 11,487 वादों का निस्तारण कर कुल रू0 40,92,21,960/- की धनराशि वसूल की गयी। प्री-लिटिगेशन स्तर पर राजस्व के कुल 61,154 वाद, नगर निगम के कुल 14,613 प्रकरणों तथा अन्य 11475 प्रकरणों सहित कुल 87,242 मामलों का निस्तारण कर कुल रू0 13,18,69,796/- की धनराशि वसूल हुयी। इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 98,708 मामलों का निस्तारण कर कुल रूपये 54,10,91,756/- की धनराशि वसूल की गयी।