अब पांच वकीलों का पैनल दिलाएगा इंसाफ, मिलीं निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा

Kanpur Zone

कानपुर (www.arya-tv.com) गोरखपुर के रामगढ़ताल स्थित होटल में पुलिस बर्बरता का शिकार हुए बर्रा के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड  का मुकदमा निर्भया  का मुकदमा लडऩे वाली चर्चित वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा समेत पांच अधिवक्ताओं का पैनल लड़ेगा। गुरुवार को अधिवक्ता सीमा दो जूनियर अधिवक्ताओं के संग मनीष के घर पहुंची और पूरे घटनाक्रम की बिंदुवार जानकारी ली।

उन्होंने कहा कि चार्जशीट दाखिल होते ही अदालत में वकालतनामा लगाएंगी। इधर प्रकरण की सीबीआइ जांच के लिए मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने अधिवक्ता केके शुक्ला के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट  में याचिका दायर की है, हालांकि अभी उनकी याचिका को सूची में शामिल नहीं किया गया है और न अभी कोई पंजीकरण नंबर मिला है।

मीनाक्षी ने बताया कि उनके पति को इंसाफ दिलाने के लिए मुकदमा निर्भया कांड की अधिवक्ता रहीं सीमा समृद्धि कुशवाहा समेत पांच अधिवक्ताओं का पैनल लड़ेगा। आरोपित पुलिसकर्मी अपने बचाव में सभी पैतरे इस्तेमाल करेंगे। अगर अकेले किसी अधिवक्ता के माध्यम से मुकदमा लड़तीं तो शायद उसे तोडऩे की कोशिश की जाती, पैनल से लडऩे में पुलिसकर्मी अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो पाएंगे।

अधिवक्ता ने बिंदुवार ली घटनाक्रम की पूरी जानकारी: गुरुवार रात करीब 7:45 बजे अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा दो जूनियर साथियों के साथ मनीष के घर पहुंची। जहां उन्होंने मीनाक्षी से बातचीत कर शुरू से लेकर अब तक का पूरा घटनाक्रम ङ्क्षबदुवार जाना, करीब 10 पन्नों में उन्होंने पूरे घटनाक्रम का सार लिया। इस दौरान उन्होंने मीनाक्षी से मनीष की उस आखिरी काल के बारे में भी जाना जो उसने होटल से भांजे दुर्गेश को घटना की रात की थी।

वहीं, अधिवक्ता ने होटल के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, अस्पतालों जहां मनीष को ले जाया गया। जिस अस्पताल से मनीष को मृत्यु प्रमाणपत्र दिया गया। कितने बजे और कैसे उन्हें घटना की जानकारी हुई। जानकारी के बाद उन्होंने किस-किस से संपर्क किया। मनीष का अभी कौन सा सामान जैसे ब्रेसलेट, अंगूठी, चेन व नकदी आदि नहीं मिलने की जानकारियां ली। वहीं उन्होंने घटना के चश्मदीदों के बयान, उनकी उपस्थिति और कहानी के बारे में जानकारी ली।

पता कर रहे सीबीआइ जांच की मौखिक संस्तुति या मंजूरी पत्र भी भेजा: अधिवक्ता सीमा ने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने सीबीआइ जांच की सिर्फ मौखिक संस्तुति की है या फिर संबंधित मंत्रालय को मंजूरी पत्र भी भेजा है।