स्कूल प्रबंधन के दबाव से परेशान अभिभावकों ने शहर में चस्पा किए पोस्टर, लिखा- नो स्कूल नो फीस

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(www.arya-tv.com)गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अभिभावकों ने नो स्कूल-नो फीस अभियान शुरू किया है। अभिभावकों का कहना है कि, कोरोना संकट को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन किया गया। जिसमें रोजगार चौपट हो गया। इससे उबरने में लंबा वक्त लगेगा। इस बीच स्कूलों की तरफ से अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। बता दें कि, हाल ही में गोरखपुर के पैरेंट्स एसोसिएशन के जरिए तमाम अभिभावकों ने नगर विधायक डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल से बात की थी।

अग्रवाल ने जब इस संबंध में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से बात की तो उन्होंने फीस माफी की योजना से इंकार कर दिया था। शर्मा ने कहा था कि, फीस को पूरी तरह से माफ करना अथवा कम ही करना, व्यवहारिक रूप से सम्भव नहीं है। क्योंकि विद्यालय के स्थाई खर्च होते है, जिसे फीस लिए बिना पूरा करना संभव नहीं है। लेकिन इसके बाद भी अभिभावक अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने इसे अब जन अभियान से जोड़ दिया है। रविवार को शहर के कई मोहल्लों में नो स्कूल-नो फीस के पेंफलेट्स चस्पा किए गए। इसमें बच्चों ने भी सहयोग किया।

अभिभावक सत्यनारायण का कहना है कि बीते चार-माह से काम धंधे बंद है। व्यापार बंद है। हम कहां से स्कूल की फीस जमा करें। जो लोग रेंट के मकान में रहते हैं। वह लोग किराया तक नहीं दे पा रहे हैं। ऊपर से स्कूल से एक सिस्टम आ गया कि बच्चे को एक मोबाइल देने का। वह मोबाइल से बच्चा कितना पढ़ेगा। यह सब कोई जानता है और सारा काम अभिभावक ही कर रहे हैं। टाइम भी मेरा, मोबाइल मेरा, नेट मेरा, सिस्टम मेरा घर बिजली मेरी तो फिर किस बात की स्कूल में फीस जमा करें? अभिभावकों ने मुख्यमंत्री से राहत दिए जाने की मांग की है।