नीतीश कुमार ‘भारत’ को लेकर सियासी विवाद से हलकान, JDU ऑफिस से हटा जीतेगा इंडिया, चक दे इंडिया पोस्टर

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(www.arya-tv.com) I. N. D. I. A गठबंधन अपने गठन के बाद से विवादों में घिरा हुआ है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव का दिन नजदीक आता जा रहा है, विवाद और बढ़ता जा रहा है। सियासी जानकार मानते हैं कि I. N. D. I. A गठबंधन का गठन अच्छे ग्रह नक्षत्र में नहीं हुआ है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जब से गठबंधन अपने अस्तित्व में आया है। विवाद ऐसे-ऐसे हो रहे हैं जिसके बारे में जानकर बीजेपी मजे ले रही है। ताजा मामला राजधानी पटना का है। जहां जेडीयू कार्यालय में I. N. D. I. A गठबंधन का पोस्टर लगा हुआ था।

इस पोस्टर में गठबंधन की कमेटी में शामिल दो नेताओं की तस्वीर नहीं थी। कहा जा रहा है कि ये देखते ही एक नेता आग-बबूला हो गए। उन्होंने पोस्टर लगाने वाले की क्लास ले डाली। उसके बाद तत्काल प्रभाव से पोस्टर को हटाना पड़ा। पोस्टर में ललन सिंह की तस्वीर और तेजस्वी यादव की तस्वीर नहीं थी। कहा जा रहा है कि पोस्टर देखने के बाद ललन सिंह हत्थे से उखड़ गए और पोस्टर को भी उखाड़ दिया।

जेडीयू कार्यालय में लगा पोस्टर

दरअसल जदयू के प्रदेश मुख्यालय के प्रेस वार्ता कक्ष में एक बड़ा पोस्टर लगाया गया था। पोस्टर में I. N. D. I. A गठबंधन के नेताओं के साथ “जीतेगा इंडिया चक दे इंडिया” का नारा लिखा गया था। इस पोस्टर में गठबंधन की कमेटी में शामिल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और तेजस्वी यादव गायब थे। उसके बाद ललन सिंह भड़के और पोस्टर को हटाने का आदेश दिया। पोस्टर लगाने की जानकारी जेडीयू नेताओं को बाद में लगी।

कहा जा रहा है कि कार्यालय में जहां प्रेस कांफ्रेंस होता है। उसके ठीक पीछे इस पोस्टर को बैक ग्राउंड में लगाया गया था। जेडीयू के मुताबिक पोस्टर अधूरा था। उसके बाद उसे हटा दिया गया। सियासी जानकार कहते हैं कि पोस्टर लगाने वाले ने सेंटर में नीतीश की तस्वीर रखी थी। अब भला नीतीश की तस्वीर से ललन सिंह को क्यों आपत्ति होने लगी?

पोस्टर में नीतीश कुमार की तस्वीर

पोस्टर में नीतीश कुमार के अलावा राहुल गांधी और दाहिनी तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे की तस्वीर को रखा गया था। उसके पीछे I. N. D. I. A गठबंधन के सभी बड़े नेताओं की तस्वीरें लगी हुई थी। जानकार बताते हैं कि पोस्टर ध्यान से देखने के बाद पता चलता है कि इसमें नीतीश को काफी ऊपर दिखाया गया था। पोस्टर में राहुल गांधी के बाद अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे, सीताराम येचुरी, महबूबा मुफ्ती की तस्वीर लगाई गई थी।

पोस्टर में सीपीआईएमएल के नेता दीपांकर भट्टाचार्य की तस्वीर सबसे अंत में लगाई गई थी। नीतीश कुमार के दाहिनी ओर से की तस्वीरों में खरगे के अलावा लालू प्रसाद यादव, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन और शरद पवार की तस्वीर लगाई गई थी।

I. N. D. I. A गठबंधन में लगाता विवाद

वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र कुमार ने बताया कि भारत और इंडिया के विवाद को लेकर जो चल रहा है उससे नीतीश कुमार पूरी तरह असहज हैं। I. N. D. I. A गठबंधन का नारा दिया गया है कि जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया। तेजस्वी यादव ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से ‘डर’ गए हैं और इसी लिए उनकी सरकार देश का जिक्र करते समय इस शब्द का उपयोग करने से बच रही है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के नाम से जी 20 के रात्रिभोज के लिए निमंत्रण पत्र प्रेषित किये जाने को लेकर उठे विवाद के संबंध में तेजस्वी बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी को ‘भारत’ को प्राथमिकता देने पर पुनर्विचार करना चाहिए। हमने ‘बढ़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया’ को अपनाया है। जानकार कहते हैं कि नीतीश कुमार इस नाम से पहले भी सहमत नहीं थे। अब जो विवाद चल रहा है उससे काफी असहज हैं। वो इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

विवाद से परेशान नीतीश कुमार

सूत्रों की मानें तो जेडीयू कार्यालय में हुए पोस्टर प्रकरण से भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अवगत हैं। उन्होंने पूरी तरह से इस विवाद से खुद को अलग कर लिया है। कभी मुख्यमंत्री नीतीश के काफी करीब रहे सुशील कुमार मोदी ने भी इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि विपक्ष ‘इंडिया’ माता की जय बोले तो हमे कोई आपत्ति नहीं है। सुशील मोदी ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने की हद पार करते हुए अब भारत, सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति का भी विरोध करने पर उतर गए हैं।

उन्होंने कहा कि चूंकि संविधान मूलत: अंग्रेजी में लिखा गया, इसलिए उसमें ‘भारत’ और ‘इंडिया’, दोनों शब्दों का प्रयोग हुआ। दोनों शब्द संवैधानिक हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी भी देश के दो नाम नहीं है और नाम का अनुवाद नहीं होता, लेकिन अगर हम 75 साल अपने देश भारत को अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखते आ रहे हैं, तो इसे ही सही नहीं कहा जा सकता। मोदी ने कहा कि हम ‘भारत माता की जय’ बोलते हैं। विपक्ष अगर ‘इंडिया माता की जय’ बोलना चाहता है, तो उन्हें कौन रोक रहा है।