वाराणसी कोर्ट में रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ NBW जारी: डिस्चार्ज अप्लीकेशन खारिज

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(www.arya-tv.com)  वाराणसी में 22 साल पहले बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदर्शन किया था। आंदोलन के अगुवाकार रणदीप सिंह समेत तमाम कांग्रेस नेताओं के खिलाफ चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में केस दर्ज किया गया था। सालों से धीमी फाइल ने अब रफ्तार पकड़ ली है। हाईकोर्ट से प्राथमिकी रद्द करने की याचिका खारिज होने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने रणदीप को राहत नहीं दी।

शनिवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत में रणदीप सिंह सुरजेवाला पर 2001 में दर्ज केस की सुनवाई हुई। 22 साल पुराने मामले में वाराणसी की अदालत में वकील तारीख पर पेश हुए। रणदीप सिंह सुरजेवाला के डिस्चार्ज आवेदन को अदालत ने खारिज कर दिया। इसके साथ ही रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया।

विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए नौ जून की तारीख तय की। अदालत ने आदेश में कहा कि आरोपी का कहना है कि अदालत के पहले के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में उन्होंने याचिका दाखिल की है।

उसके निस्तारण तक आरोप से मुक्त करने के प्रार्थना पत्र को दाखिल करने का समय दिया जाए। आरोपी को पहले हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर न्याय हित में अंतिम अवसर दिया जा चुका है। इसलिए आरोपी के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करने का पर्याप्त आधार नहीं है। आरोपी का प्रार्थना पत्र निरस्त कर गैर जमानती वारंट जारी किया जाता है।

रणदीप इस केस में बनाए गए थे आरोपी

वाराणसी में 22 साल पहले जिला मुख्यालय पर चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ केस दर्ज है। इसमें बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को फर्जी ढंग से आरोपी बनाए जाने का आरोप लगाकर 21 अगस्त 2000 को युवा कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रदेश अध्यक्ष एसपी गोस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता आयुक्त कार्यालय परिसर में जबरन घुस गए थे।

कांग्रेस नेताओं ने आयुक्त कोर्ट में घुस कर हंगामा और तोड़फोड़ की थी। सूचना पर पुलिस सभी को शांत कराने गई तो प्रदर्शनकारी उलझ गए थे। पुलिस टीम ने बल प्रयोग किया तो कांग्रेस कार्यकर्ता पथराव करते हुए भागने लगे। पुलिस ने मौके से रणदीप सिंह सुरजेवाला और एसपी गोस्वामी सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।

हाईकोर्ट के बाद MPMLA कोर्ट ने भी खारिज की याचिका

वाराणसी में 22 साल पहले चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में दर्ज को रद्द करने की सुरजेवाला की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहले ही खारिज हो चुकी है। सुरजेवाला के अधिवक्ता का कहना है कि राज्यसभा सदस्य का नाम प्राथमिकी में नहीं है। गिरफ्तारी प्रपत्र और केस डायरी में भी उनका नाम नहीं है। इसके बावजूद उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया।