म्यूचुअल फंड्स निवेशकों की रूख ले रहा दरकिनार

National

(www.arya-tv.com) हाल के महीनों में निवेशकों के व्यवहार में बड़ा बदलाव आया है। इकोनॉमी और बाजार के रुझान को लेकर उनकी समझ पहले से बढ़ी है। नतीजतन वे एसेट क्लास के प्रदर्शन के हिसाब से पोर्टफोलियो में बदलाव पसंद कर रहे हैं। बीते महीने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में इसकी साफ झलक देखी गई। डायनॉमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में शुद्ध निवेश जुलाई के मुकाबले करीब सात गुना बढ़ गया, जबकि इक्विटी स्कीम्स में करीब दो तिहाई घट गया।

अगस्त में बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में 16,571 करोड़ का निवेश
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में डायनॉमिक एसेट एलोकेशन/बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में 16,571 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ। इसके मुकाबले जुलाई के दौरान हाइब्रिड स्कीम्स की इस कैटेगरी में सिर्फ 2,453 करोड़ का शुद्ध निवेश हुआ था।

गौरतलब है कि डायनॉमिक एसेट एलोकेशन पोर्टफोलियो में विविधता लाने की एक खास रणनीति होती है। इसके तहत अर्थव्यवस्था या शेयर बाजार के रुझान के हिसाब से अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश बढ़ाया-घटाया जाता है। इस मामले में दिलचस्प यह है कि अगस्त में म्यूचुअल फंड की हाइब्रिड स्कीम्स में 88% शुद्ध निवेश सिर्फ डायनॉमिक एसेट एलोकेशन फंड में हुआ।

इक्विटी फंड में शुद्ध निवेश 8,700 करोड़ रहा
एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक बीते महीने घरेलू म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का नेट एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) पहली बार 36 लाख करोड़ रुपए से ऊपर निकलकर 36.59 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंच गया। इसके बावजूद इक्विटी फंड में शुद्ध निवेश 62% घटकर 8,700 करोड़ रुपए रह गया। इसके मुकाबले जुलाई में इक्विटी फंड में 22,583.52 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ था। इसका मतलब है कि ज्यादातर नया निवेश डायनॉमिक एसेट एलोकेशन/बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में हुआ।

निवेशक अब स्विच कर रहे
व्हाइट ओक कैपिटल के सीईओ आशीष सोमैया ने कहा, ‘एम्फी के आंकड़ों से साफ है कि निवेशक इक्विटी से डायनॉमिक एसेट एलोकेशन फंड में स्विच कर रहे हैं।’