बीएचयू में यूजी-पीजी की तीन हजार से अधिक सीटें खाली, सामने आईं ये खामियां

# ## Varanasi Zone

(www.arya-tv.com) बीएचयू मुख्य परिसर और संबद्ध कॉलजों में यूजी और पीजी में दाखिले की प्रक्रिया पूरी हो गई है। वहीं, इस सत्र में तीन हजार से अधिक सीटें खाली रह गई हैं। परिसर में 1400 जबकि कॉलेजों में 1623 सीटें अभी तक नहीं भर पाई हैं। ये स्थिति तब है जब विश्वविद्यालय सीटें भरने के लिए मॉपअप राउंड भी चला चुका है। इसके बाद भी जितनी सीट थी, उतने विद्यार्थी नहीं मिल पाए। इसके पीछे काउंसिलिंग का देर से शुरू होना और तकनीकी खामियां मुख्य वजह मानी जा रही हैं।

बीएचयू से जुड़े चार कॉलेज हैं, जहां यूजी और पीजी में वाराणसी समेत देश के विभिन्न जगहों से आने वाले विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। पहले मुख्य परिसर और कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया विश्वविद्यालय की ओर से कराई जाती थी। पिछले कुछ साल से नेशनल टेस्टिंग के पास प्रवेश की जिम्मेदारी हैं। ऑनलाइन आवेदन से लेकर प्रवेश परीक्षा और फिर परिणाम आने के बाद काउंसिलिंग भी एनटीए के नियमानुसार कराई जा रही है। इस बार अगस्त से काउंसिलिंग शुरू हुई। नियमानुसार अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग लेटर भेजा गया, ऑनलाइन प्रक्रिया भी कराई गई। इसके बाद प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया गया। अब चारों महाविद्यालयों में यूजी की 3389 सीटों में से 926 और पीजी के 2045 सीटों में 697 खाली हैं।

जो विषय नहीं था, वो भी दे दिया गया

कॉलेजों में मॉपअप राउंड में दाखिले की प्रक्रिया के दौरान बहुत से अभ्यर्थी ऐसे रहे, जिन्हें काउंसिलिंग लेटर पर वो विषय दे दिए गए थे, जो कॉलेजों में पढ़ाए ही नहीं जाते हैं। इस तरह के मामले बीए ऑनर्स में ज्यादा रहे। छात्र वसंत महिला महाविद्यालय सहित अन्य महाविद्यालयों के चक्कर काटते रहे। जांच हुई तो तकनीकी खामियां सामने आईं। बाद में इसे दूर कराया गया।

मुख्य परिसर के संकायों में भी सीटें हैं खाली

इस बार मुख्य परिसर में भी सीटें खाली रह गई हैं। सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय के सभी संकायों, संस्थानों को मिलाकर स्नातक में करीब 10 हजार सीटों में से 800 और पीजी के सात हजार में से 600 सीटें नहीं भर पाई हैं। मॉपअप के बाद भी सीटें नहीं पाईं, जो कि चिंता का विषय है।