Indian-Maldives: मुइज्जू को बड़ा झटका, मालदीव में ‘इंडिया आउट’ कैंपेन का खामियाजा भुगत रही जनता, जानिए कैसे

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(www.arya-tv.com) मुइज्जू के इंडिया आउट कैंपेन का खामियाजा अब मालदीव के जनता को भुगतना पड़ रहा है. अपने ही देश में अब मुइज्जू घिरते नजर आ रहे हैं, क्योंकि मालदीव के विपक्षी दल ने संसद में देश में शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठा दिया है. मुइज्जू सरकार से अब इसका जवाब देते नहीं बन रहा है. बीते दिन संसद में भारतीय शिक्षकों का मुद्दा उठने पर मुइज्जू सरकार के शिक्षा मंत्री गोल-मोल जवाब देते नजर आए.

दरअसल, चीन को खुश करने के लिए मुइज्जू मालदीव में इंडिया आउट कैंपेन चला रहे हैं, मुइज्जू के नफरत भरे अभियान का असर अब मालदीव के छात्रों कि सिर माथे चढ़कर बोल रहा है. भारी संख्या में भारतीय शिक्षक मालदीव में बच्चों को पढ़ाने जाते हैं, लेकिन मुइज्जू के अभियान की वजह से भारतीय शिक्षकों ने मालदीव को छोड़ दिया है, जिससे अब मालदीव शिक्षा व्यवस्था का संकट गहरा गया है. स्थिति इतनी गड़बड़ हो चुकी है कि भारतीय शिक्षकों का मुद्दा मालदीव की संसद में उठ गया. इसपर मुइज्जू सरकार को सफाई देनी पड़ रही है.

शिक्षकों की कमी से कैसे निपट रही सरकार?
अधाधू की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीएम) के सांसद मोहम्मद शाहिद ने संसद में सरकार से सवाल किया है. सांसद ने कहा कि इंडिया आउट अभियान के चलते कई शिक्षक देश छोड़कर जा चुके हैं. इसकी वजह से देश में शिक्षकों की कमी हो गई है और बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाएं हैं? संसद में घिरने के बाद मंगलवार को मुइज्जू सरकार के शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया. इस दौरान मंत्री ने माना कि देश में शिक्षकों की कमी हो गई है, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि देश में कोई संकट आ गया है.

मालदीव के शिक्षा मत्री ने क्या कहा?
मालदीव के शिक्षा मंत्री डॉ. इस्माइल शफीफू ने कहा कि कई बार भारतीय शिक्षक मालदीव से चले जाते हैं. इससे कुछ सप्ताह के लिए बच्चों की पढ़ाई में परेशानी आती है. उन्होंने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है, द्वीप राष्ट्र में ऐसा पहले भी होता रहा है. इस्माइल शफीकू ने कहा कि अगर आप ‘पिछले 30 साल के आंकड़े देखेंगे तो पता चलेगा कि कई बार इस छोटे से द्वीप भारत से शिक्षक आते हैं और एक महीने बाद चले जाते हैं. देश में किसी भी तरह का शिक्षक संकट नहीं है.’