इलाज में एम्स और मेडिकल कालेज को तकनीकी सहयोग देगा एमएमएमयूटी

Gorakhpur Zone UP

(www.arya-tv.com) चिकित्सा और तकनीक में मोटे तौर पर तो कोई रिश्ता नहीं दिखता लेकिन इलाज की बेहतरी के लिए इनके बीच रिश्ते को समझना ही होगा। इसी दृष्टि से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने एम्स (आइ इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज) और बीआरडी मेडिकल कालेज के अलावा महायोगी गोरखनाथ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के सामने इलाज में तकनीकी सहयोग देने का प्रस्ताव रखा है। तीनों संस्थानों ने इस विश्वविद्यालय के इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया है। जल्द इसे लेकर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की तीनों संस्थानों से करार की तैयारी है।

कुलपति ने सीएम योगी के सामने रखा था प्रस्‍ताव

बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक मुलाकात के दौरान प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय को सलाह दी कि वह अपने संस्थान की तकनीकी दक्षता का इस्तेमाल इलाज की व्यवस्था को बेहतर बनाने में भी करें। यह सलाह बीते दिनों आक्सीजन आडिट और आक्सीजन प्लांट के तकनीकी सत्यापन में प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की सराहनीय भूमिका की चर्चा के दौरान आई।

कुलपति ने मुख्यमंत्री की सलाह को तत्काल अमल में लिया और बारी-बारी से तीनों संस्थानों के प्रमुखों से इस बाबत मुलाकात की। तकनीकी सहयोग को लेकर विवि का आमंत्रण संस्थान प्रमुखों को पसंद आया। सबने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। अब केवल आधिकारिक करार की प्रक्रिया बची है, जिसे पूरा करने की तैयारी में विश्वविद्यालय प्रशासन जुट गया है। इसके लिए एक समिति भी विश्वविद्यालय द्वारा बना दी गई है, जिसमें सभी विभागों के अध्यक्षों को स्थान दिया गया है।

तकनीक के इस्‍तेमाल से बेहतर बनाई जा सकती है चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था

एमएमएमयूटी कुलपति प्रो. जेपी पांडेय तकनीकी के इस्तेमाल से चिकित्सा व्यवस्था को और दुरुस्त किया जा सकता है। बहुत से बड़े शहरों में ऐसा किया भी जा रहा है। यही वजह है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे चिकित्सा संस्थानों को तकनीकी सहयोग देना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इस क्रम में एम्स, मेडिकल कालेज और गोरखनाथ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के प्रमुखों से बात हो चुकी है। जल्द औपचारिक करार के बाद तकनीकी सहयोग देने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।