गोपीगंज कोतवाली में विधायक विजय मिश्र को भेजा गया जेल, कई कारोमारीयों पर मुकदमा दर्ज

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भदोही।(www.arya-tv.com) विधायक विजय मिश्र को जेल जाते ही विरोधी मुखर होने लगे हैं। हंडिया क्षेत्र में एक प्रतिष्ठान में हुई बैठक में रणनीति तैयार की गई। यहां पूर्व कैबिनेट मंत्री व एक विधायक के अलावा कई दिग्गज शामिल थे। सबने एक सुर में कहा कि विजय मिश्र ने सर्वाधिक ब्राह्मणों की ही हत्या की है।

सरकार की ओर से उठाए गए कदम की सराहना करते हुए और सख्त कार्रवाई की मांग की। दिग्गजों के बैठक का फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। गोपीगंज कोतवाली में विधायक विजय मिश्र, एमएलसी रामलली मिश्र और उनके कारोबारी पुत्र विष्णु मिश्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

मामले में विधायक जेल में हैं लेकिन एमएलसी रामलली मिश्र फरार हैं। हंडिया में हुई बैैठक पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. राकेशधर त्रिपाठी की अगुआई में हुई। डा. राकेशधर त्रिपाठी और विजय मिश्र के बीच अदावत पुरानी है। भदोही के भाजपा विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी भी विरोधी हैं।

बसपा नेता राजेश मिश्र का भी आरोप रहा है कि उनके भाई का इनकाउंटर विजय मिश्र ने कराया है। लेकिन पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र इसमें शामिल नहीं हुए। उन पर भी विधायक मिश्र हत्या कराने की साजिश का आरोप लगाते रहे हैं।

पार्टी के सभी बंधनों को तोड़ धुर विरोधी एकजुट हुए हैं। विधायक विजय मिश्र की पुत्री एवं अधिवक्ता रीमा पांडेय का कहना है कि जितने लोगों की बैठक हुई थी सभी लोग बसपा के हैं। इनका संबंध माफिया से है।

माफिया से साठगांठ कर वह मेरे पिता की हत्या कराने की योजना बना रहे हैं। उनके पिता जनसेवक हैं जब तक जनता का आशीर्वाद मिलता रहेगा, तब तक कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। जिला पंचायत की कुर्सी सालों से विधायक मिश्र के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है, इसलिये यह विरोधियों के निशाने पर है।

जेल जाने से पहले विधायक मिश्र बार-बार जिला पंचायत पर कब्जा करने के आरोप विरोधियों पर लगाते रहे हैं। वह पूर्व मंत्रीद्वय राकेशधर त्रिपाठी, रंगनाथ मिश्र, पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय, ब्लाक प्रमुख मनीष मिश्र और भाजपा नेता अजय शुक्ला पर खूब जुबानी तीर चलाये।

बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, पूर्व एमएलसी विनीत सिंह और विधायक सुशील सिंह को भी ठाकुर माफिया बता चुके हैं। इन सबके विरोध का कारण वह जिला पंचायत को ही बताते रहे हैं।