यूपी में 8.8 डिग्री पहुंचा पारा, बढ़ी ठंड:स्मॉग की चपेट में राजधानी लखनऊ ; 265 पहुंचा AQI

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(www.arya-tv.com)  दिल्ली एनसीआर के बाद लखनऊ में भी स्माग का असर शुरू हो गया है। एक तरफ उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ी और सुबह कोहरा होने से गाड़ियों के आवागमन तक में दिक्कत आ रही है। कोहरा बढ़ने की वजह से रात में उड़ने वाली उड़ानों के समय में परिवर्तन भी किया गया है। 8.8 डिग्री सेल्सियस के साथ मुजफ्फरनगर प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा। तो वहीं दूसरी तरफ मंगलवार सुबह से ही वातावरण में स्माग दिखायी देने लगा।

दोपहर बाद कुछ देर के लिए धूप जरूर निकली लेकिन स्माग के चलते धूप तेज नहीं हो पायी। स्माग के कारण एक्यूआई में भी बढ़ोतरी हो गयी है। लखनऊ का एक्यूआई 265 तक पहुंच गया है। इंडस्ट्रियल ऐरिया तालकटोरा क्षेत्र का एक्यूआई 365 प्वाइंट के साथ अत्यंत खराब स्तर पर है। लालबाग का भी एक्यूआई 337 पर पहुंच गया है। ऐसा ही हाल बुधवार की सुबह से भी देखने को मिल रहा है।

यूपी में सबसे ज्यादा ठंडक वाले शहर का टेंपरेचर

जिला : डिग्री सेल्सियस

मुजफ्फरनगर : 8.8

मेरठ: 9.5

सोनभद्र : 9.6

बरेली :10.5

कानपुर नगर: 10.8

वाराणसी: 11.0

प्रयागराज: 12.0

आगरा : 12.1

गोरखपुर: 13.2

लखनऊ: 14.0

निर्देशों के बावजूद वायु प्रदूषण के नियम के नहीं हो रहे पालन

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड़ के निर्देशों का सरकारी विभाग सख्ती से अनुलान कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं। 24 नवम्बर से राजधानी के एयर क्वालिटी इंडे़क्स में बढ़ोतरी हो रही है। हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ने पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड़ की छापामार टीमों को सक्रिय कर दिया है। कई निर्देशों के बाद भी वायु प्रदूषण के मानकों का पालन न करने पर बोर्ड़ प्रशासन ने दो दर्जन से अधिक निर्माण एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए भारी जुमार्ना किया है।

पानी का छिड़काव और बिल्डरों को दी गई चेतावनी

बोर्ड़ के मुख्य पर्यावरण अधिकारी ड़ा रामकरन ने बताया कि क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी द्वारा किये गये निरीक्षण में बिल्ड़रों द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य में वायु प्रदूषण के मानकों का उल्लंघन पाया गया है। बोर्ड़ की टीम द्वारा पूर्व किये गये निरीक्षण में बिल्ड़रों को चेतावनी देते हुए निर्देश दिया गया था कि खुदाई करने समय पानी की छिड़़काव‚ निर्माण सामग्री को ग्रीन कवर से ढककर रखने सहित अन्य नियमों का पालन किया जाए।

निर्देश के बावजूद धूल को उड़़ने से रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किये गये। निजी बिल्ड़रों के साथ ही बोर्ड़ ने सेतु निगम‚ जल निगम तथा कुकरैल फ्लाई ओवर का निर्माण करने वाली एजेंसियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है।

लखनऊ के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी उमेश चन्द्र शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को बोर्ड़ की छापामार टीम ने आधा दर्जन से अधिक निर्माण स्थलों का औचक निरीक्षण किया है।

घना ट्रैफिक‚ सड़़कों व निर्माण इकाइयों की धूल है प्रदूषण का प्रमुख कारण

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण हवा में पीएम 2.5 की मात्रा में बढ़ोतरी होना है। निर्माण इकाइयों तथा खस्ताहाल सड़़कों से उड़़ने वाली धूल से वातवरण में पीएम 2.5 व पीएम 10 की बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही तापमान भी एक मुख्य कारण है। तापमान में कमी के साथ ही हवी की धीमी गति के कारण भी वायुु प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है।