UP की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के 102 साल:यहां से पढ़े शंकर दयाल राष्ट्रपति बने

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) लखनऊ विश्वविद्यालय आज 102वीं वर्षगांठ मना रहा है। स्वर्णिम इतिहास को संजोए लखनऊ विश्वविद्यालय ने न सिर्फ लखनऊ को बल्कि देश-दुनिया को कई अनमोल रत्न दिए। विश्वविद्यालय के छात्रों ने दुनियाभर में डंका बजाया है। राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री तक देने वाला ये विश्वविद्यालय आज अपने उन्हीं पूर्व छात्रों की उपलब्धियों पर इतराता भी है। यही कारण है कि यहां की एलुमिनाई को इसकी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ करार दिया जाता हैं। 102 साल के सफर में कई मुकाम रहें जिन्हें हासिल कर LU नायाब विश्वविद्यालयों की श्रेणी में खड़ा होता चला गया। चलिए आपको भी सैर कराते हैं इसके स्वर्णिम अतीत की…

लखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रो.अमृतांशु शुक्ला और डा.रोली वर्मा का नाम दुनियाभर के टॉप साइंटिस्ट में आया हैं। वही केमिस्ट्री के प्रो. अभिनव कुमार ने भी इस लिस्ट में जगह बनाया हैं।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी साइंस और इंजीनियरिंग की शाखाओं में दुनिया के टॉप 2% वैज्ञानिकों की सूची प्रकाशित करते हैं। यह सूची H-इंडेक्स, रिसर्च पेपर में सह-लेखकों की संख्या, रिसर्च पेपर में साइटेशन्स जैसे मानकों के आधार बनाई जाती हैं।

थर्मल एनर्जी में किया है काम

प्रो. अमृतांशु शुक्ला के अनुसंधान कार्य प्रमुख रूप से थर्मल ऊर्जा भंडारण पदार्थ सहित अक्षय ऊर्जा संसाधन, सैद्धांतिक भौतिकी एवं परमाणु भौतिकी के क्षेत्र में हैं । इन अनुसंधान कार्यों में थर्मल ऊर्जा भंडारण सामग्री का उपयोग करके फोटोवोल्टिक तकनीक का प्रयोग शामिल है।

सेंसिंग के क्षेत्र में दिया अहम योगदान

डॉ. रोली वर्मा प्लास्मोनिक और फोटोनिक्स नैनो संरचनाओं और फिल्मों पर आधारित ऑप्टिकल सेंसर पर काम करती हैं। इनके शोध कार्य पूरी तरह से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य लाभ जैसे कीटनाशक, जड़ी-बूटियों, विटामिन, भारी धातु आयनों, हलाइड्स पर आधारित हैं।

औषधि निर्माण और ऊर्जा के क्षेत्र में किया है काम

प्रो. अभिनव कुमार का अनुसंधान कार्य ट्रान्जिशनल मेटल्स, पॉलिमरस (सीपी), धातु-कार्बनिक ढांचे (एमओएफ), डाई-सेंसिटाइज़्ड सोलर सेल के क्षेत्र मे हैं। पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में इस प्रकार के अनुसंधान कार्यों के अनेक उपयोग हैं।