(www.arya-tv.com) मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है। विभिन्न दलों के राजनेता अपने अपने हिसाब से वादों और बयानों की झड़ी लगाकर वोटरों को अपने पक्ष में करने के प्रयास में जुटे हैं। वहीं मध्य प्रदेश की राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखने वाले लोग यहां के पुराने किस्से कहानियों को जानने को उत्सुक दिख रहे हैं। यही वजह है कि Google पर पॉलिटिक्ल किस्से कहानियां खूब सर्च हो रहे हैं। मध्य प्रदेश की राजनीति में इस वक्त यह सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि अगर राज्य की जनता एक बार फिर से बीजेपी पर भरोसा जताती है।
तो क्या एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है? हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों भोपाल में पत्रकारों के सवालों का ऐसा जवाब दिया जिससे कई और तरह के सवाल राजनीतिक गलियारों में तैरने लगे हैं। अमित शाह से जब पूछा गया कि क्या शिवराज सिंह चौहान ही अगले मुख्यमंत्री बनेंगे, इसपर उन्होंने कहा कि अभी शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और चुनाव बाद का फैसला पार्टी पर छोड़ दें।
इन चर्चाओं के बीच आपको एक ऐसा पॉलिटिकल किस्सा याद दिला रहे हैं, जो शिवराज सिंह चौहान और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा है। इस किस्से में बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में एक लालकृष्ण आडवाणी हैं। ये भी कह सकते हैं कि इस पॉलिटिकल किस्से में लालकृष्ण आडवाणी ने ऐसी बात कह दी जिसको लेकर उस वक्त बीजेपी में ही काफी गहमागहमी शुरू हो गई थी। आइए जानते हैं वह किस्सा क्या है?
वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी की किताब राजनीतिनामा मध्य प्रदेश के मुताबिक साल 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में बीजेपी का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ग्वालियर पहुंचे थे। कार्यक्रम में आडवाणी ने मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र मोदी की तुलना कर दी थी।
आडवाणी ने अपने भाषण में कहा कि बतौर मुख्यमंत्री देखें तो शिवराज सिंह चौहान नरेंद्र मोदी से बेहतर रहे हैं। यह बयान आते ही बीजेपी में उस वक्त बहस छिड़ गई थी। पार्टी को मैसेज गया कि बीजेपी का एक धड़ा 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के मुकाबले शिवराज सिंह चौहान को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाना चाहता है।
हालांकि शिवराज सिंह चौहान भी पके हुए राजनेता हैं। वह समझते थे कि राजनीति में जब एक ही दल के दो कद्दावर नेताओं की जब तुलना होने लगती है तो उसमें किसी एक को बड़ा नुकसान होता है। उस वक्त नरेंद्र मोदी को लेकर पार्टी में जिस तरह से स्वीकार्यता हो रही थी, उसे देखते हुए शिवराज कोई भी नुकसान नहीं उठाना चाहते थे। उन्होंने तत्काल मीडिया में आकर कहा कि मोदी नंबर वन, रमन सिंह नंबर दो और मैं तीसरे नंबर का मुख्यमंत्री हूं।
माना जाता है कि मोदी के मुकाबले शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे करने वाले आडवाणी गुट के वह नेता थे जो खुद 2014 में प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। इसी बीच मध्य प्रदेश में हुई बीजेपी की एक दूसरी बैठक में पार्टी के संगठन मंत्री अरविंद मेनन ने कहा कि मध्य प्रदेश में ‘ओम नमो शिवाय’ का मंत्र चलेगा। मेनन के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश के बीजेपी कार्यकर्ताओं को संदेश चला गया कि यहां भी नरेंद्र मोदी की चलेगी।
क्योंकि मोदी समर्थक संक्षेप में नरेंद्र मोदी को ‘नमो’ कहकर संबोधित करते हैं। इस बयान के बाद पार्टी की तरफ से संदेश दे दिया गया कि मध्य प्रदेश में भी नरेंद्र मोदी बीजेपी का चेहरा होंगे और उन्हीं कि चलेगी, शिवराज सिंह चौहान उनके पीछे चलेंगे। हालांकि शिवराज सिंह चौहान के कुछ समर्थकों की ओर से पार्टी के अंदर इसपर सवाल उठाए गए। इसपर वरिष्ठ बीजेपी नेता प्रभात झा ने कहा कि अरविंद मेनन का हिंदी उच्चारण स्पष्ट नहीं है, जिसके चलते उन्होंने ऊं नम: शिवाय की जगह ओम नमो शिवाय बोल गए।