साइकिल कारोबार में चाइनीज छोड़ देसी साइकिल कर रहे उपयोग, क्या आप भी है इस बात से सहमत

Bareilly Zone UP

बरेली।(www.arya-tv.com) लद्दाख में चीनी सेना के भारतीय जवानों पर कायराना हमले के बाद लोगों में चीनी उत्पादों को लेकर आक्रोश बढ़ रहा। आम लोग ही नहीं व्यापारी भी चीन के बने उत्पाद का बहिष्कार कर रहे। बरेली के बाजारों में अभी तक बड़ी संख्या में चाइनीज साइकिलों की बिक्री होती थी। बच्चों के लिए बैटरी वाली साइकिल हो या फैंसी लाइट वाली। यही नहीं युवाओं और ज्यादा उम्र के लोगों के लिए भी व्यायाम वाली और रेसिंग साइकिल बाजार में हैं।

हालांकि इनके अधिकतर पार्ट यूज एंड थ्रो होते हैं। जिससे रिपेयरिंग में परेशानी रहती। जबकि देश में बनने वाली साइकिल का हर पुर्जा बाजार में आसानी से उपलब्ध है। अब साइकिल के कारोबार से जुड़े लोगों ने भी चाइना का माल मंगाना बंद कर दिया है रिपेय​​रिंग व वारंटी नहीं होना परेशानी द खने में अच्छी और कीमत में भी कुछ कम होने वाली चाइनीज साइकिलों की न तो कोई वारंटी होती है और न ही रिपेयरिंग हो पाती है।

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देसी कंपनियों ने चाइनीज के टक्कर में उतारे अपने प्रोडक्ट्स शुरुआत में जरूर चाइना की बेबी ट्राई-साइकिल की जमकर मांग थी। लेकिन धीरे-धीरे ये फेल होने लगीं। रिपये रग न होने व इसके टक्कर में देशी कंपनियों की ओर से भी अपनी साइकिलें उतारे जाने के बाद से देसी साइकिलों की मांग बढ़ गई। साइकिल मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधीर गोयल ने बताया कि देसी कंपनियों ने चीनी कंपनियों के मुकाबले टिकाऊ साइकिल उतारी हैं जिनकी रिपेय¨रग भी हो जाती है। चीन में बनी बेबी ट्राई-साइकिल यूज एंड थ्रो थीं। इसके पा‌र्ट्स भी नहीं मिलते थे। इसी कारण देसी के आगे यह फेल हो गई। हमने अब अपनी दुकान व शोरूम में केवल देसी साइकिलें ही बेच रहे हैं। – प्रदीप अग्रवाल, साइकिल कारोबारी