केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद K फैक्‍टर की वेव आई तो दिल्‍ली लोकसभा चुनाव में आएगी भयंकर सुनामी!

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(www.arya-tv.com) साल 1996 की बात है. दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु पुलिस ने आनन फानन में पूर्व सीएम जयललिता को कलर टीवी घोटाले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. जयललिता पर मुख्यमंत्री रहते ज्यादा दाम में टीवी खरीदने का आरोप लगा था. तब राज्य में डीएमके की सरकार थी. 2001 में जब तमिलनाडु में चुनाव हुए, जयललिता सत्ता में आ गईं. इसके बाद अगले ही साल 30 जून को तमिलनाडु पुलिस ने एम करुणानिधि को तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. तब इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई कहा गया. इसके बाद राज्यभर में प्रदर्शन हुए. अगले चुनाव में डीएमके सत्ता में आ गई.

इस घटना के करीब 28 साल बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार देर रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके सिविल लाइंस स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने ये कदम ऐसे वक्त पर उठाया, जब लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग में एक महीने से भी कम समय बचा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्रीय जांच एजेंसी के इस कदम के बाद केजरीवाल को भी करुणानिधि की तरह सहानुभूति मिलेगी और लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है, जैसा पहले 1990 के दशक में तमिलनाडु में देखने को मिल चुका है.

दिल्ली से हरियाणा तक AAP को मिलेगा फायदा!

दिल्ली-पंजाब में आम आदमी पार्टी सत्ता में है. वहीं पार्टी दिल्ली- पंजाब की सीमा से लगे हरियाणा में भी सत्ता में आने के लिए पूरा दमखम लगा रही है. हरियाणा में इसी साल अक्टूबर में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में अगर गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को जनता से सहानुभूति मिलती है, तो वे इन तीनों राज्यों में न सिर्फ लोकसभा चुनाव में बल्कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी K- फैक्टर का लाभ उठा सकते हैं.

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर विपक्ष एकजुट

केजरीवाल की गिरफ्तारी का विपक्ष ने एकजुट होकर विरोध किया और इसे लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, टीएमसी, झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत तमाम पार्टियों को केंद्र को घेरने का मौका मिल गया है. ये पार्टियां पहले से ही बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाती रही हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट विपक्ष नंबर गेम में बीजेपी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है.

क्या दिल्ली में खाता खोल पाएगी AAP ?

भले ही दिल्ली की विधानसभा पर AAP का कब्जा हो, लेकिन अभी तक पार्टी का लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खुला है. 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनाव में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई. हालांकि, इस बार आप कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. ऐसे में अगर केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आप को सहानुभूति वोट मिलता है तो पार्टी अपने प्रदर्शन में काफी हद तक सुधार कर सकती है.

इतना ही नहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी को पिछले चुनाव में सिर्फ 1 लोकसभा सीट पर जीत मिली थी. इस बार पार्टी और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर सकती है. हालांकि, पंजाब में आप और कांग्रेस अलग अलग चुनाव लड़ रही हैं.

बीजेपी नहीं मान रही ऐसा

हालांकि, बीजेपी का मानना है कि केजरीवाल का कद न तो जयललिता और न ही करुणानिधि जैसा है, न ही हम 90 के दशक के हैं, जब बड़े पैमाने पर जनता की भावनाएं राजनेताओं के समर्थन में होती थीं. शुरुआती संकेतों में ऐसा लगता है कि इससे बीजेपी को मदद मिल सकती है, न सिर्फ दिल्ली में बल्कि पूरे भारत में कांग्रेस में फूट पड़ सकती है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक पुराना वीडियो शेयर किया, इसमें कांग्रेस नेता दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साध रहे हैं और केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.